आईडीपीएल पर राजनीति शुरू
आईडीपीएल कालोनी में तीखी नोकझोंक के बीच 14 भवनों को प्रशासन में तोड़ा _27 नवंबर 2021 को खत्म हो गई थी भूमि की लीज आवास खाली कराने के लिए गए थे नोटिस,बी और ई टाइप के भवनों पर चली जेसीबी
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , ऋषिकेश के आईडीपीएल कालोनी में आवासीय भवनों को खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है, पहले चरण में 1500 आवासों में स्थानीय प्रशासन को 227 आवासों को खाली कराया जाना है जर्जर आवासों को ध्वस्त किया जाना है अभी तक प्रशासन सिर्फ 50 आवासों को ही खाली करवा पाया है, और बीते रविवार को 14 जर्जर भवन को भारी विरोध के बीच ध्वस्त किया गया, हालांकि इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आवासीय भवनों में रह रहे कब्जे धारियों के पक्ष में लगातार समर्थन दे रही है वहीं क्षेत्रीय विधायक कैबिनेट मंत्री ने भी मानसून सीजन में रह रहे लोगों को रहने का आश्वासन दिया है अभी प्रशासन को कब्जे धारियों से भवन खाली कराने हैं उसके बाद ध्वस्तीकरण भी करना है , लेकिन लोगों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है ।
ऐसे में प्रशासन की जल्दबाजी भी देखने को मिली ऑपरेशन टाइप नहीं कहे गए दो बुजुर्ग दंपत्ति को निकालने से पहले मकान पर हथोड़ा चलाने की जल्दबाजी स्थानीय प्रशासन की संवेदनहीनता को भी दिखाती है , इसी तरह की छुटपुट घटनाएं देखने को मिलती रहेगी लेकिन प्रशासन अपना काम करता रहा ।
हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तरह से फायदा उठाने की कोशिश करी , लेकिन प्रशासन जता दिया कि आईबीपीएस खाली होकर रहेगा , सर पर नगर निगम और लोकसभा के चुनाव है ऐसे में हर कोई अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में पीछे नहीं हटेगा, आईडीपीएल में रह रहे लोगों की सुध लेने अभी कई और राजनीतिक नेता पहुंचेंगे और अपने अपने ढंग से आश्वासन भी देंगे , लेकिन कोई भी समस्या का हल नहीं निकाल पाएगा क्योंकि सरकारी जमीन, सरकारी क्वार्टर आखिरकार प्रशासन जोर जबरदस्ती से खाली करवाएगा ।
इस पर आईडीपीएल में वर्षों से रह रहे लोगों को भी सोचना पड़ेगा , नेता लोग सिर्फ अपनी राजनीतिक परिस्थिति के चलते आश्वासन का लॉलीपॉप पकड़ा जाएंगे , चाहे वह किसी भी पार्टी के हैं सत्तारूढ़ या विपक्षी , झेलना अंतता आईडीपीएल में रह रहे लोगों को ही पड़ेगा।