बीजेपी ऑफिस पर रायशुमारी, मेयर दावेदार नेता जी लगे जुगत में सोशल मीडिया पर आगे निकलने की होड पड़ सकती है भारी, संगठन की नजर मैदान में मेयर के 16 और सभासद 122 , दिसंबर 24 को बीजेपी मेयर प्रत्याशी का ऐलान
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश,नगर निगम सीट एससी आरक्षित घोषित होने के बाद जहां एक तरफ लंबे समय से मेयर बनने की तैयारी कर रहे कई नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है। वहीं राजनीतिक दलों के सामने उम्मीदवार के चयन की चुनौती आ खड़ी हुई है। अनुशासन के लिए जाने जानी वाली बीजेपी में भी अंतर्विरोध सार्वजनिक मंचों पर साफ दिख रहा है, ऋषिकेश में सीट के रिजर्वेशन पर राजनीति के कई खिलाड़ी धराशाई हो गए जिनका सीधा निशाना कैबिनेट मंत्री पर है जबकि कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि प्रदेश स्तर पर आरक्षण आरोही क्रम में हुआ है जिसे आपत्ति है वो अपनी शिकायत दर्ज कराए, अगर शिकायत सही पाई जाती है तो उस का निस्तारण होगा।
वहीं इसका सीधा फायदा ऋषिकेश में SC नेताओं को हुआ जो राजनीतिक रूप से सक्रिय है, ऐसे में नगर निगम में मेयर पद के लिए 16 दावेदार सामने आए जिनमें से चयन संगठन करेगा।
ऋषिकेश नगर निगम सीट पर बीजेपी कार्यकर्ताओं में अतः विरोध के बीच पर्ययवेक्षकों ने मेयर पद के लिए एससी प्रत्याशी के चयन के लिए रायशुमारी शुरू कर दी है, ऋषिकेश नगर निगम के चुनावी प्रभारी दान सिंह रावत ने बताया कि पर्यवेक्षक सभी की बात सुन कर संगठन पदाधिकारी तक पहुंचाएंगे जिसमें दावेदारों की योग्यताएं और राजनीति अनुभव का आकलन करके संगठन अंतिम मोहर लगाएगा और 24 तारीख तक गढ़वाल मंडल के सभी निकायों के लिए उम्मीदवार चयन पार्टी कर लेगी संभावना है कि प्रदेश में 25 दिसंबर से आचारर्संहिता लग जाएगी ।
जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा ने बताया कि ऋषिकेश नगर निगम में मेयर पद के 16 दावेदार है जबकि पार्षदों के लिये 122 दावेदार सामने आए है
आज का दिन बीजेपी कार्यालय में गहमागहमी भरा रहा मेयर के दावेदार अपने समर्थकों के साथ बीजेपी ऑफिस पर जमे रहे जिसमे पूर्व राज्य मंत्री सुरेन्द्र मोघा अपने 35 वर्षों के बीजेपी में सक्रिय राजनीति और संगठन के अनुभव के आधार पर अपनी दावेदारी को पुख्ता मान रहे है वहीं दूसरे दावेदार मुनि की रेती के पूर्व चेयरमेन शंभु पासवान अपनी शहरदारी और पूर्वांचली वोट को लेकर आश्वस्त हैं हालांकि अन्य मेयर दावेदार हवा के रुख को देखकर चुपचाप इस शोशेबाजी से दूर संगठन की अपेक्षाओं पर खरे उतरने की प्रतिक्षा में है। अब देखना ये होगा कि संगठन किस पर मोहर लगाता है जबकि दो प्रमुख दावेदारों में अपने स्तर पर सोशल मीडिया में बढ़त दिखाने की होड शुरू हो गई , जिसका फायदा या नुकसान दावेदारों कितना होगा वो 24 दिसंबर को पता चल जाएगा।