उत्तराखंड का बजट सत्र, राज्यपाल का अभिभाषण में क्या है खास
बजट सत्र- राज्यपाल ने सरकार की प्राथमिकता व विकास योजनाओं का ब्यौरा पेश किया
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून , राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सोमवार को शुरू हुए बजट सत्र में प्रदेश सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों व प्राथमिकताओं का खाका खींचा। सुबह 11बजे सदन की शुरुआत में राज्यपाल ने 16 पेज के अभिभाषण में समान नागरिक संहिता का उल्लेख करते हुए महिला,युवा व विभिन्न सेक्टर से जुड़ी योजनाओं का ब्यौरा पेश किया। उन्होंने लगभग 50 मिनट तक अभिभाषण पढ़ा।
एक नजर मूल अभिभाषण…
मैं, आप सभी महानुभावों का पंचम विधान सभा वर्ष, 2024 के प्रथम सत्र में हार्दिक स्वागत करता हूँ।
“विकसित भारत” के संकल्प में “विकसित उत्तराखण्ड” परिकल्पना नहीं, विश्वास है, संकल्प है। विकसित राज्य की ओर अग्रसर उत्तराखण्ड के निर्माण में सभी विधान सभा सदस्यों एवं जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम के सभी जनप्रतिनिधियों विशेष रूप से राज्य आन्दोलनकारी तथा आमजन, जिन्होंने प्रदेश की प्रगति में अहम योगदान दिया है, सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
हमारा युवा प्रदेश, समृद्ध उत्तराखण्ड एवं सशक्त उत्तराखण्ड की ओर तेजी से अग्रसर है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की। इन उपलब्धियों के प्रतिफलस्वरूप हमारा प्रदेश “सशक्त उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को प्राप्त करेगा तथा प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा।
हमारी सरकार अपनी विरासत में प्राप्त संस्कृति के साथ विकसित और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही है। विगत वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम वर्ष रहा है। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में सशक्त उत्तराखण्ड @25 की अवधारणा के आधार पर राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई नये आयाम स्थापित किये गये। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों एवं उपलब्धियों पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगा-
(1) उत्तराखण्ड विधानसभा ने संविधान निर्माताओं की भावनाओं के अनुरूप समान नागरिक के स्वप्न को धरातल में उतारने हेतु, उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने वाले “समान नागरिक संहिता’ विधेयक को मंजूरी देकर उत्तराखण्ड को देश का पहला राज्य बना दिया है, जिसमें समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है।
सभी धर्म-समुदायों की महिलाओं को विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, संपत्ति में समान अधिकार देते हुये सशक्त बनाया गया है। साथ ही सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिये बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार दिये जाने जैसे कई प्राविधान किये गये हैं।
• गृह विभाग द्वारा महिलाओं की शिकायत आसानी से दर्ज किये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर Whatsapp No 9411112780 जारी किया गया है, साथ ही थाना स्तर पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान किये जाने एवं उनको हर संभव सहायता प्रदान किये जाने हेतु प्रत्येक थाने में ‘महिलाडेस्क’ स्थापित है।
• पुलिस कार्मिकों को निगरानी, आपदा राहत कार्य, यातायात प्रबन्धन, मैपिंग, पेलोड डिलीवरी, ई-चालान, एनाउंसमेन्ट, लाइव ट्रैकिंग इत्यादि कार्यों हेतु Drone परिचालन एवं टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दिया गया है।
.कैदियों में उद्यम शीलता विकसित किये जाने एवं उन्हें प्रशिक्षित कर स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से ‘जेल विकास बोर्ड’ का गठन किया गया है।
• होमगार्ड्स विभाग के अन्तर्गत पाईप बैण्ड “मस्का बाजा” में विभागीय महिलाओं की भागीदारी से बैण्ड का संचालन किया जा रहा है।
(2) सामान्य प्रशासन विभाग ने G-20 summit की तीन बैठकों का सफल आयोजन कर उत्तराखण्ड को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, जिसके अन्तर्गत 40 देशों/अर्न्तराष्ट्रीय संगठनों के वर्किंगग्रुप, मिनिस्ट्रियल, राज्य के प्रमुख आदि विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
• उत्तराखण्ड राज्य ने प्रथम बार मा० गृह एवं सहकारिता मंत्री जी, भारत सरकार की अध्यक्षता एवं मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड की उपाध्यक्षता में नरेन्द्र नगर, टिहरी गढ़वाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक का सफल आयोजन किया। बैठक में चार राज्यों यथा- उत्तराखण्ड / उत्तर प्रदेश/छत्तीसगढ़ / मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों एवं मुख्य सचिवों एवं सम्बन्धित राज्यों/भारत सरकार के अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
• मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्थापना दिवस के सुअवसर पर 03 महानुभावों को “उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
(3) औद्योगिक विकास विभाग द्वारा प्रदेश में निजी निवेश को आकर्षित करने हेतु दिसम्बर, 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड का देहरादून में सफल आयोजन किया गया।
• राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये भी अनुकूल माहौल है। भारत सरकार द्वारा लागू सुधार कार्यक्रमों में राज्य की रैंकिंग में निरन्तर सुधार के परिणामस्वरूप इस वर्ष उत्तराखण्ड अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित हुआ है।
केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के 5 हथकरघा / हस्तशिल्प उत्पादों भोटिया दन, ऐंपण, रिंगालक्राफ्ट, उत्तराखण्ड ताम्र उत्पाद एवं थुलमा को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जी०आई०) प्रदान किया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2023 में नेटल (बिच्छू घास), पिछौड़ा, नैनीताल की आर्टिस्टिक कैण्डल, जनपद चमोली से मुखौटा एवं रूद्रप्रयाग से मन्दिर प्रतिकृति को जी०आई० प्रदान किया गया है।
प्रदेश के हस्तशिल्प व हथकरघा संबंधित उत्कृष्ट उत्पादों का “हिमाद्रि” ब्राण्ड के नाम से विपणन किया जा रहा है। वर्तमान में ऑनलाईन पोर्टल अमेजन पर भी राज्य के शिल्प उत्पादों के विपणन की व्यवस्था उपलब्ध है।
(4) नियोजन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की आर्थिकी के उन्नयन एवं विकास में त्वरित गति हेतु “उत्तराखण्ड अवस्थापना निवेश विकास बोर्ड (UIIDB)” का गठन किया गया है। UIIDB द्वारा पी०पी०पी० परियोजाओं की पहचान, परियोजना की व्यवहारिकता, गैप फंण्डिंग का निर्धारण, मार्केटिंग आधारभूत संरचनाओं के Risk Analysis आदि कार्य किये जायेंगे।
1. सशक्त उत्तराखण्ड की अवधारणा के अन्तर्गत आगामी पांच वर्ष में उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु “सशक्त उत्तराखण्ड क्रियान्वयन योजना (Sashakt Uttarakhand Implementation Plan)” तैयार की गयी है।
2. कानूनों के युक्तिसंगतीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत भी राज्य सरकार द्वारा अनुपयोगी कानूनों को निरस्त (Repeal) करने की कार्यवाही की जा रही है। लगभग 1300 एक्ट/कानून चिन्हित किये जा चुके हैं, जिनमें से प्रथम चरण में 481 पुराने कानूनों / एक्ट विलोपित किये जा चुके हैं।
3. नीति आयोग द्वारा प्रायोजित State Support Mission (SSM) परियोजना चलायी जा रही है। जो राज्य में साक्ष्य आधारित नवोन्मेषी कार्यों हेतु तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी।
4. राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रभावी स्थानीयकरण हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल संस्थाओं तथा चिन्हित व्यक्तियों को “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया जा रहा है। इस वर्ष 17 संस्थाओं/व्यक्तियों को “SDG Achievers Award” से सम्मानित किया गया है।
5. सी0एम0 कॉन्क्लेव के एजेण्डा बिन्दु के अनुरुप राज्य में स्थिति केन्द्र एवं राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से विभिन्न विभागों की योजनाओं के मूल्यांकन अध्ययन कराये जाने का निर्णय लिया गया। प्रथमतः 12 विभागों की 20 योजनाओं के मूल्यांकन पर कार्य किया जा रहा है।
(5) पर्यटन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, 2023 में पर्यटन क्षेत्र के अन्तर्गत होटल-मोटल, रोपवे, थीम पार्क आदि को निजी क्षेत्र द्वारा विकसित किये जाने हेतु निजी निवेशकों के साथ कार्य किया जा रहा है।
‘मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन’ के अन्तर्गत 48 पौराणिक मन्दिरों का चिन्हिकरण किया गया है। प्रथम भाग में 16 चिन्हित मन्दिरों के सुनियोजित अवस्थापना विकास हेतु कार्य किया जा रहा है। मानस मन्दिरों के प्रचार प्रसार हेतु “भारत गौरव मानसखण्ड एक्सप्रेस ट्रेन माह अप्रैल 2024 से देश के विभिन्न स्थानों से उत्तराखण्ड के काठगोदाम, टनकपुर रेलवे स्टेशनों के लिए संचालित की जायेगी।
• प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों पर बद्रीनाथ धाम को एक Smart Spiritual Hill Town के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चरणबद्ध रूप से कार्य किये जा रहे हैं।
पर्यटन सैक्टर में स्वरोजगार सृजन, आधुनिक पर्यटन सुविधाओं आदि के साथ ही निजी पूंजी निवेश को आकर्षित करने हेतु नई उत्तराखण्ड पर्यटन नीति-2023 प्रख्यापित की गई है। इसके अन्तर्गत 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
• जनपद टिहरी में वायुक्रीड़ा को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से 05 दिवसीय एक्रो फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें 26 देशों से 54 विदेशी तथा 120 भारतीय पायलटों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
उत्तराखण्ड में तीर्थाटन के साथ साहसिक गतिविधियों के प्रोत्साहन हेतु प्रभावी कदम उठाये गये हैं। जिसके तहत हरिद्वार के बैरागी कैंप में एपटों एडवेंचर स्पोर्टस के तहत ड्रापर एयर बैलनिंग जायरोकॉप्टर, फिकस्ड विंग और
स्काईगेजिंग गतिविधियों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रारम्भ करने की तैयारी की जा रही है।
• मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट में हिमालय दर्शन के लिए एयर सफारी प्रारम्भ की गयी है।
• कुमाऊं मण्डल के चंपावत जनपद में हैंग ग्लाइडिंग एवं पैरामोटरिंग की गतिविधियाँ शुरू की गयी है।
कैलाश, ओम पर्वत और आदि कैलाश दर्शन के लिये हैली सेवा प्रारम्भ करने के लिये पिथौरागढ़ जनपद के गुंजी, नाबिढांग, जौलिंगकोंग पर कार्य किया जा रहा है।
(6) शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में “एक
प्रवेश, एक चुनाव, एक परीक्षा एवं एक दीक्षान्त की नीति” को लागू किया गया
है। इसके तहत एक पोर्टल के माध्यम से प्रदेश में प्रथम बार एक प्लेटफार्म से
छात्रों को विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में प्रवेश दिया गया, एक साथ चुनाव
कराया गया तथा एक साथ परीक्षा का आयोजन किया गया।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना” संचालित की जा रही है।
• राज्य में प्रथम बार वर्ष 2023 की परिषदीय परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं हेतु परीक्षाफल सुधार परीक्षा का आयोजन किया गया।
• “मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना” लागू की गयी है।
हमारी सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में “अपुणों स्कूल अपणों प्रमाण” का अभिनव प्रयास जनपद टिहरी गढ़वाल में किया गया। जिसमें बिना जटिलता के विद्यालय से ही छात्र-छात्राओं को उनके उपयोगार्थ स्थायी निवास, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र इत्यादि निर्गत किये जाते हैं। जिसकी सफलता को देखते हुये अन्य जनपदों के सरकारी स्कूलों में लागू किये जाने पर कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड ऐसा अग्रणी प्रदेश बन गया है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गाइडलाईन के अनुरूप आधारभूत स्तर का राज्य स्तरीय करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया है।