विशेष _उत्तराखंड की राजनीति में राज परिवार का दबदबा
बोलंदा बद्रीश पर हमेशा से निष्ठा रही टिहरी गढ़वाल की _राजशाही की समाप्ति के बाद भी राजनीति में राजपरिवार
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
विशेष _उत्तराखंड की राजनीति में राज परिवार का दबदबा
बोलंदा बद्रीश पर हमेशा से निष्ठा रही टिहरी गढ़वाल की _राजशाही की समाप्ति के बाद भी राजनीति में राजपरिवार के लिए लोकसभा सभा के द्वार टिहरी के जनमानस ने खोले
नरेंद्र नगर, उत्तराखंड के इतिहास में टिहरी राजवंश का वर्चस्व हमेशा ही बना रहा है, हालांकि आजाद भारत में सभी राज्य राजवाड़े को समाहित कर तत्कालीन गृहमंत्री लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सभी राजे रजवाड़ों आजाद भारत में विलय कर दिया था। टिहरी रियासत भी राजशाही से बाहर आ गई थी, सन 1949 में टिहरी रियासत का भारत में विलय हो गया। इसके पश्चात टिहरी को उत्तर प्रदेश के एक नए जनपद का दर्जा दिया गया था।
लेकिन यहां की जनता ने अपने राजपरिवार पर हमेशा ही निष्ठा बनाए रखी, यही कारण है आज की राजनीति में जब भी लोक सभा चुनाव की आहट होती है उसमे सबसे ऊपर टिहरी राजपरिवार की दावेदारी मानी जाती है, जिसके आगे जनता के लोकप्रिय और धारदार नेता भी पीछे छूटते जाते है यही कारण है, स्वतंत्रता के बाद अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में 11 बार राजपरिवार प्रतिनिधिधित्व करता रहा है।
गौरतलब है कि 1952 में पहली बार इस लोकसभा सीट पर राजपरिवार की मुखिया कमलेंदुमति शाह निर्दलीय चुनाव जीत कर राजशाही का दबदबा राजनीति में दिखा चुकी थी, उसके बाद इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस से मानवेंद्र शाह 1957 ,1962 और 1967 के लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराते रहे।
1991 से 2004 तक लोकसभा चुनाव में मानवेंद्र शाह लगातार जीतते हुए भाजपा की झोली में यह सीट डालते रहे और गौर करने वाली बात यह है कि इस लोकसभा सीट पर आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी टिहरी नरेश मानवेंद्र शाह के नाम रहा है।
टिहरी की महारानी माला राजलक्ष्मी की राजनैतिक पारी…
टिहरी राज परिवार की राजनीतिक यात्रा यही नहीं रुकी मानवेंद्र शाह के बाद राजनीति में राज्य परिवार की एंट्री 2012 में टिहरी लोकसभा में उप चुनाव से हुई ओर ये राजनैतिक विरासत पहली बार माला राजलक्ष्मी शाह के पास आई, पहली बार भाजपा ने उप चुनाव में राजपरिवार की मुखिया माला राजलक्ष्मी शाह को उम्मीदवार बना कर लोक सभा भेजा, इसके बाद होने वाले 2014 और 2019 में फिर से टिकट देकर राजपरिवार के करिश्में से चुनाव जीता अब एक बार फिर बीजेपी ने अपनी टिहरी लोकसभा सीट पर राजपरिवार पर विश्वास जताया है और उम्मीदवार के रूप में माला राज लक्ष्मी चुनावी मैदान में है।