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मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में बोले कम धामी उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए सिस्टम को किया मजबूत

देहरादून। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। उन्होंने उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि यूसीसी लागू करने के लिए मजबूत सिस्टम का निर्माण किया गया है। प्रक्रिया को जनसामान्य के लिए अधिक सुलभ और सहज बनाने के लिए एक पोर्टल और समर्पित मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स (ब्ैब्) को इससे जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के समय आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ऑटो एस्केलेशन और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है। व्यापक डिजिटल और भौतिक नेटवर्किंग के परिणामस्वरूप केवल चार माह की अवधि में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत राज्यभर से लगभग डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गांवों से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जो ये दर्शाता है कि यूसीसी को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने यूसीसी को सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दृष्टिपत्र के माध्यम से राज्य की जनता को ये वचन दिया था कि यदि जनादेश मिला, तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। चुनावों में विजय के पश्चात पहले दिन से ही उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू करने के लिए अपना कार्य प्रारंभ कर दिया।

 

उन्होंने बताया कि यूसीसी के बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति द्वारा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में व्यापक जन-परामर्श किया गया। जिसके माध्यम से समिति को लगभग 2 लाख 32 हजार सुझाव प्राप्त हुए। समिति ने न केवल आम नागरिकों से परामर्श किया, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वैधानिक आयोगों के प्रमुखों से भी बातचीत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 7 फरवरी 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित कर राष्ट्रपति को भेजा। राष्ट्रपति ने 11 मार्च 2024 को इस ऐतिहासिक विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान की। आवश्यक नियमावली एवं प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए 27 जनवरी 2025 को पूरे उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता को विधिवत रूप से लागू कर दिया गया। इस प्रकार उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना को मूर्त रूप देते हुए समान नागरिक संहिता को व्यवहारिक धरातल पर लागू किया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता जाति, धर्म, लिंग आदि में अन्तर के आधार पर कानूनी मामलों में होने वाले भेदभाव को खत्म करने का एक संविधानिक उपाय है। इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से प्रदेश में सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सकेगा। इसके द्वारा अब हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुप्रथाओं पर पूर्णतः रोक लगाई जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि इन कानूनों के अंतर्गत सभी धर्म और समुदायों में बेटी को भी संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही, संपत्ति के अधिकार में बच्चों में किसी भी प्रकार का भेद नहीं किया गया है। अर्थात प्राकृतिक संबंधों के आधार पर, सहायक विधियों द्वारा या लिव इन संबंधों द्वारा जन्मे बच्चों का भी संपत्ति में बराबर अधिकार माना जाएगा। यूसीसी के अंतर्गत बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को भी अधिकार प्रदान किया गया है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार प्राप्त हो।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, युवा पीढ़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें संभावित सामाजिक जटिलताओं एवं अपराधों से बचाने के उद्देश्य से इसमें लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार उनके माता-पिता या अभिभावक को देगा, ये जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएंगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी के माध्यम से जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण की भांति विवाह और विवाह-विच्छेद दोनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए एक प्रभावी एवं स्पष्ट नियमावली को भी लागू कर दिया गया है।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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