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यात्रा में बजट का रोना, कैसे हो यात्रा व्यवस्था
चार धाम यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार से मांगा एक करोड़ 10 लाख का बजट मिले 10 लाख आखिर कैसे होगी चार धाम यात्रा व्यवस्था, निगम ने खड़े किए हाथ हजारों की संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु झेलनी होगी परेशानी,
रिपोर्ट_ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश ,चार धाम यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार से मांगा एक करोड़ 10 लाख का बजट मिले 10 लाख आखिर कैसे होगी चार धाम यात्रा व्यवस्था यह हाल है उत्तराखंड सरकार का चार धाम यात्रा के लिए दावे तो बहुत कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है देवभूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में जहां बड़ी संख्या में यात्रियों का जमवाड़ा रहता है और यही सही यात्रा शुरू होती है ऐसे में श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन कड़े कदम उठाता है लेकिन जब विभागों के पास बजट ही नहीं होगा तब कैसे यात्रा व्यवस्थाओं के कार्य को अंजाम दिया जाएगा यह सोचने वाला यक्ष प्रश्न है
देशभर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को साफ सफाई के साथ मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए जिसको लेकर जिम्मेदार संस्थाएं अपना पल्ला झाड़ लेती है , ऐसे में नगर निगम की करे तो क्या करें जब साफ सफाई और अन्य कार्यों के लिए बजट की समस्या सामने आ गई हो तो आने वाले श्रद्धालुओं को झेलनी होगी परेशानी
एक तरफ तो सरकार चार धाम यात्रा को चाक-चौबंद करने के लिए मीटिंग पर मीटिंग करके श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए बड़े-बड़े दावे तो कर रही है लेकिन हकीकत इससे उलट है , ऋषिकेश चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार है और यहां के नगर निगम को सरकार ने यात्रा व्यवस्थाओं को सुचारू करने के लिए उचित बजट तक नहीं दिया है ऋषिकेश की मेयर अनीता मंमगाई का कहना है कि हमने सरकार से चार धाम यात्रा को संचालित करने के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपए का बजट मांगा था , नगर निगम ऋषिकेश को मिला सिर्फ ₹10 लाख ऐसे में साफ सफाई , मेन पावर , सेनेटाइजेशन और अन्य व्यवस्थाएं कैसे होगी यह सोचने वाली बात है