2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण कितना पावरफुल है?
आखिर सूर्य ग्रहण क्यों होता है , हालांकि यह एक खगोलीय घटना है लेकिन हिंदू धर्म और मान्यताओं के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व है इस बार का ग्रहण किन किन राशियों पर अपना प्रभाव डालना है और क्या ज्योतिष शास्त्र के जानकार इस ग्रहण को किस तरह देख रहे हैं या इसकी शक्ति को ग्रहों पर पड़ने वाले प्रभाव से देख रहे हैं आइए जानते हैं
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , 2022 के साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी आज है हालांकि वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण खगोलीय घटना है और यह एक सामान्य प्रक्रिया है , लेकिन ज्योतिषी दृष्टि से यह ग्रहों की हलचल और धार्मिक रूप से देखी जाने वाली घटना है जिसकी हिंदू धर्म में अपनी एक अलग ही मान्यता है 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण आखिर कितना पावरफुल है आइए जानते हैं इस बारे में , सबसे पहले आपको बताते हैं कि सूर्य ग्रहण के बारे में
सूर्य ग्रहण क्या है और कैसे होता है …
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं यानी कि सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण होता है. सूर्य ग्रहण धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है. आइये जानें इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कब है?
दीपावली के ठीक अगले दिन आज 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। इस कारण विभिन्न मंदिरों में होने वाले अन्नुकूट महोत्सव को 1 दिन के लिए टाल दिया गया है।
इस खगोलीय घटना के दौरान धार्मिक मान्यता को ध्यान में रखते हुए ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट भी बंद रखे गए हैं।
चारधाम के कपाट समेत अन्य मंदिरों के कपाट भी ग्रहण काल के दौरान बंद रहेंगे, जो शाम 5:30 बजे खुलेंगे। ग्रहण काल के दौरान मंदिरों में दर्शन, पूजा और आरती नहीं की जाएगी।
सूर्य ग्रहण मंगलवार को 11 बजकर 28 से शुरू हो जाएगा और शाम 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। लेकिन भारत में यह ग्रहण शाम 4 बजकर 22 मिनट से दिखना शुरू हो जाएगा और शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। भारत में ग्रहण का मोक्षकाल सूर्यास्त के साथ ही हो जाएगा।
बता दें कि, 19 नवंबर को बदरीनाथ और 27 अक्टूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो रहे हैं। और 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं।
कितना पावर फुल है सूर्य ग्रहण….
दिवाली के अगले दिन यानी अमावस्य को लगने वाला यह 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण कितना पावरफुल है यह विचार हर किसी के मन में है आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र के जानकारी इस बारे में और इस ग्रहण की क्षमता के बारे में या किन किन राशियों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है उसके बारे में क्या कह रहे हैं , यह आंशिक सूर्य ग्रहण है और भारत में कुछ स्थानों पर ही दिखाई देगा. यह सूर्य ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगने वाला है. ज्योतिषीय दृष्टि से इस सूर्यग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ग्रहण के दौरान सूर्य सहित तीन ग्रह चंद्रमा, शुक्र और केतु भी तुला राशि में होंगे. तुला राशि पर राहु और शनि की दृष्टि भी होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि तुला राशि के साथ कन्या, वृषभ और मिथुन राशि के जातकों पर सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसलिए जिन लोगों का जन्म स्वाति नक्षत्र में हुआ है और तुला राशि वालों को यह नहीं देखना चाहिए. अन्यथा हानि हो सकती है.