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अलविदा जी 20, मेरे शहर मे फिर आना

G_20 को लेकर कुछ प्यासे रह गए प्रश्नों की तलाश, सरकारी इच्छाशक्ति का कमाल, कुछ ही दिनों में वो हुआ जो सालों बाद देखने को मिला, दुबारा इंतजार में रहेगा मेरा शहर

 

रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल

ऋषिकेश , महीनों की तैयारी और नतीज़ा क्या मिला ये यक्ष प्रश्न है , जी 20 की उत्तराखंड चैप्टर की आखिरी मीटिंग का आज अंतिम दिन है, पता ही नही चला कि जी 20 अब जाने वाला है । आइए जाने से पहले हिसाब किताब पलट लेते है।

गढ़वाल छेत्र में पहली मीटिंग का उत्साह देखने लायक था ,बड़ी संख्या में विदेशी डेलिगेट्स भी नरेंद्र नगर के वेस्टिन होटल में पहुंचे जिनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट से लेकर नरेंद्र नगर होटल तक सरकार ने पलक पावडे बिछा दिए , रातों-रात सड़कों पर बेहतरीन ढंग से लगे पौधे नजर आने लगे , रानीपोखरी और ऋषिकेश के जंगल के बीच अचानक ही मोबाइल टावर लगने से कनेक्टिविटी भी बढ़ गई , टिहरी की नई सड़क वाया मनइच्छा देवी होते हुए नरेंद्र नगर तक पहुंचाने वाली सड़क स्मूथ पर गड्ढा मुक्त हो गई जगह जगह वॉल पेंटिंग आने जाने वालों का मन मोहने लगी , ढाल वाला क्षेत्र की किस्मत ही बदल गई पिछले ही बजट से बनी हुई जानकी सेतु के आसपास की पार्किंग g20 के बजट से चमकती हुई नए रूप में नजर आने लगी , सबसे ज्यादा मजे रोड साइड पर लगे हुए मकान दुकान और प्रतिष्ठान के हो गए जिनको मानसून से पहले जी-20 की रंगाई पुताई का मुफ्त ऑफर मिल गया, अब बात करते है ऋषिकेश की जिसकी बाते लगातार सोशल मीडिया में समय समय पर नजर आ रही है, कुछ कह रहे हमे जी 20 से क्या मिला, कुछ कह रहे हैं क्या नही मिला? दोनो पक्षों को प्रिय पाठको को समझना पड़ेगा निर्णय  आप का ही होगा ।

उड़ी उड़ी सुनी सुनाई बात की जी 20 समिट के लिए 150 करोड़ का बजट आया, हमारे पास आधिकारिक बयान नही है, कितना आया कितना समाया, बजट का पहला एक हिस्सा धामी जी ने रामनगर में पहली समिट करवा कर सौंदर्यकरण में लगाया , उद्देश्य रामनगर कॉर्बेट के पर्यटन को बढ़ाना ।

दूसरा हिस्सा एयरपोर्ट से लेकर नरेंद्र नगर तक सौंदर्यकरण के काम और ओणी गांव का विकास और लग्जरी वेस्टिन होटल  किराया भाड़ा , साथ ही परमार्थ निकेतन क्षेत्र का विकास , विदेशी मेहमानों के लिए परमार्थ निकेतन घाट पर लग्जरी सुविधाओं को जुटाना ।

अब बारी आई है तीसरे और आखरी हिस्से की जो आपकी आंखों के सामने है, यानी ऋषिकेश का को विकास जो कहीं सालों से भटक गया था, वह कुछ ही हिस्से में एक बार फिर नजर आया, जिसमे नटराज से देहरादून रोड ,घाट रोड और त्रिवेणी घाट का सौंदर्यीकरण का काम है , अब सोचने वाली बात यह है कि बीते कई सालों में जो काम नहीं हुए वह मात्र 15 दिन के समय में पूरे हो गए , यहां तक की कुंभ का बजट हो किसी भी मेले का बजट हो वह इस तरह के काम नहीं करवा सका , और सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि एक पीढ़ी जिससे इन तीनों स्थान पर सिर्फ जाम और अतिक्रमण के चलते सामने का नजारा तक नहीं देखा उसे ऋषिकेश एक नए रंग रूप में नजर आने लगा बच्चे भी कह रहे है वो देखो घाट रोड चौराहे से t-point साफ नजर आ रहा है , ऐसा लग रहा है कि हम कहीं ओर आ गए है बच्चो ये वही विकास है जिसे सब फेसबुक और सोशल मीडिया में ढूंढ रहे हैं अचानक ही वह मिल गया ।

सबसे बड़ी बात अब यह हमारे हाथ में है कि हम इसको ऐसा ही बना कर रखें या फिर आज शाम के बाद इसे पुराने स्वरूप में ले आए यह सारी इच्छा शक्ति यहां के व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों पर निर्भर करती है, जनप्रतिनिधि इन्हीं के आगे नतमस्तक हैं प्रशासन ने दबाव के चलते आखिरकार इन दो सड़कों पर वह करके दिखाया है जो सालों से जनता ऋषिकेश में चाहती है लेकिन हो नहीं पाता , अब कुछ लोग कहेंगे कि यह पैसे की सिर्फ बर्बादी है जी हां बर्बादी है हम भी आपसे सहमत हैं लेकिन इस बर्बादी ने हीं एक बार ऋषिकेश को यह सोचने पर मजबूर किया है कि हम भी पिंक सिटी जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों को टक्कर दे सकते हैं अगर इच्छा शक्ति थोड़े से लालच के चक्कर में डगमगा ना जाए ।

अगर जी 20 के बहाने ही सही अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ऋषिकेश का नाम नए सिरे से आना शुरू हो गया तो इसका आने वाले दिनों में ऋषिकेश की अर्थव्यवस्था पर अलग ही असर पड़ेगा , देसी विदेशी लोग घूमने आएंगे बशर्ते हम उनको घंटे भर जाम में ना फसने दें, हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर इतना बेहतर होगी दुकानों के सामने गाड़ी रोक कर पर्यटक अपनी जरूरत का सामान ले सके , पैदल चलने वाले आराम से घूम सकें , त्रिवेणी घाट असामाजिक तत्व और फेरी लगाने वालों के अतिक्रमण से मुक्त नजर आए , सभी के लिए एक प्रोपर व्यवस्था हो , तो पर्यटन तेजी से बढ़ेगा , नहीं तो यही होगा चार धाम यात्रा रिकॉर्ड तोड़ रही है, व्यापारी खाली बैठे हैं, सड़के जाम है लोग आपस में भिड़ रहे है,अब फैसला आप के हाथ में है किसने क्या किया कितना खाया, क्या खोया क्या पाया, इस पर गंभीरता से सोचिएगा जरूर । अलविदा जी_ 20 हो सके तो अगली बार जल्दी आना ।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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