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गीतांजलि श्री ने रचा इतिहास हिंदी साहित्य को मिल पहलाबुकर

हिंदी साहित्य के इतिहास में सबसे बड़ा मील का पत्थर , गीतांजलि श्री को मिला बुकर अवार्ड , उपन्यास रेत समाधि के अंग्रेजी अनुवाद Tomb Of Send को मिला बुकर प्राइज

रिपोर्ट_ कृष्णा रावत डोभाल

लंदन , हिंदी भाषा के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में गीतांजलि श्री के उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद लेकर आया है , साहित्य का सबसे बड़ा पुरस्कार कहा जाने वाला बुकर पुरस्कार आखिरकार भारतीय भाषा की झोली में पहली बार आया है ।

गीतांजलि श्री ने अपने उपन्यास रेत समाधि को पुरस्कार मिलने की घोषणा के बाद कहा कि ” मेरी किताब को बुकर मिला बेशक मुझे इसकी खुशी है ,लेकिन उससे ज्यादा खुशी इस बात की है कि इस बार यह एक हिंदी किताब को मिला है , यह हम सब की साझा खुशी है ।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के एक छोटे से गांव के रहने वाली गीतांजलि का जन्म मैनपुरी में हुआ वह आजकल दिल्ली में रहती हैं । गीतांजलि ने अमेरिकी अनुवादक डेजी रॉकवेल के साथ बुकर पुरस्कार की 50,000 पाउंड की राशि साझा की।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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