बढ़ सकती है चौथी बार के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल की मुश्किले
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में यह आरोप लगाया कि प्रेमचंद अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब 5 करोड रुपए निकालकर लोगों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित किए
रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , ऋषिकेश विधानसभा से लगातार चौथी बार विधायक बने प्रेमचंद अग्रवाल के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और ऋषिकेश से वर्तमान विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ ऋषिकेश से पूर्व प्रत्याशी रहे कनक धने ने विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर विवेकाधीन कोष से चेक के माध्यम से लोगों को जो धनराशि आदर्श आचार संहिता के समय में दी गई थी उसके संबंध में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी।
जिस के संबंध में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता कनक घने को 24 घंटे के अंदर उनके रजिस्ट्री द्वारा लगाई गई आपत्तियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता कनक धने ने अपनी जनहित याचिका में यह आरोप लगाया कि प्रेमचंद अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब 5 करोड रुपए निकालकर लोगों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित किए हैं जिसकी स्वीकृति विधानसभा सचिव द्वारा दी गई है यह डिमांड ड्राफ्ट ₹4975 की राशि के बताए गए हैं इनमें 3 फरवरी व 9 फरवरी की तिथि डाली गई है, इन डिमांड ड्राफ्ट की प्रति सबूतों के तौर पर अपनी याचिका में लगाई गई है याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच कराने और प्रेमचंद अग्रवाल का चुनाव प्रमाण पत्र निरस्त करने की भी मांग की थी।
ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से पैसे निकालकर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लोगों को चेक के माध्यम से पैसा वितरित करने से जुड़ा यह मामला है।
जिसमें याचिकाकर्ता ने अपनी चुनाव याचिका में राज्य सरकार चुनाव आयोग राज्य निर्वाचन विभाग विधानसभा अध्यक्ष डीएम देहरादून एसडीएम ऋषिकेश जिला कोषागार अधिकारी व प्रेमचंद अग्रवाल को पक्षकार बनाया गया है।