चिंताजनक रेस्क्यू सेंटर या मौत का बाड़ा
रामनगर में स्थित ढेला रेस्क्यू सेंटर में बाघिन की मौत, विभाग पर सवालिया निशान
रिपोर्ट _पवन नेगी, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर
रामनगर, उत्तराखंड जहां बाघों के संरक्षण को लेकर काफी उम्मीद रहती है वहीं यहां रेस्क्यू किए गए वाइल्ड लाइफ की जिंदगी अगर खतरे में हो तो सवाल उठना भी लाजमी है।
उत्तराखंड देश में बाघों की गिनती में तीसरे पायदान पर है। जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क के ढिकाला में पीएम मोदी भी Discovery Channel के कार्यक्रम में नजर आए। जिम कॉर्बेट को लेकर पीएम भी यहां के बाघों के संरक्षण को लेकर बेहद उत्सुक रहते हैं ।
परंतु यहाँ, कुछ समय से जिम कॉर्बेट में बाघों और मानव के बीच संघर्ष में बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसमें कई लोगों की बाघों के हमले में जान जा चुकी है। जिसे लेकर बार-बार स्थानीय लोगों का विरोध वन विभाग पर टूटा है। वहीं जिमकॉर्बेट से बाघों को राजाजी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा रहा है जिसकी प्रक्रिया वन विभाग की टीम द्वारा जारी है।
रामनगर में स्थित ढेला रेस्क्यू सेंटर में बाघिन की मौत:
वहीं रामनगर में स्थित ढेला रेस्क्यू सेंटर में बीते शनिवार 9 मार्च को सेंटर में रेस्क्यू कि गई एक बाघिन ( Tigress ) की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है । घटना के संबंध में जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगांथ नायक ने बताया कि इस बाघिन को वर्ष 2021-22 में धनगढ़ी क्षेत्र के समीप स्थित गर्जिया क्षेत्र में पनोद नाले के समीप इसके द्वारा मार्ग से गुजरने वाले कई बाइक सवारों पर हमला किया गया था जिसके बाद से इस इलाके में बाघ के आतंक को लेकर हड़कंप मचा हुआ था। इस मामले में उच्चाधिकारियों की अनुमति मिलने के बाद इस बाघिन को विभागीय पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा ट्रेंकुलाइज ( बेहोश ) कर रेस्क्यू करने के बाद ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह इस बाघिन की अचानक मौत हो गई है। इस मामले में एक टीम गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही चल पाएगा ।