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सूर्य धार डाम से त्रिवेंद्र पर निशाना, धामी ने अफसर को किया सस्पेंड

भाजपा में अंदर खाने सुलग रही है आग _ लगातार गड़बड़ी और घोटाले को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने तेवर दिखाते रहे हैं लेकिन अपने ही कार्यकाल में सूर्य धार झील के निर्माण को लेकर अनियमितताओं के चलते खुद कटघरे में

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून , उत्तराखंड भाजपा में ऊपर से सब कुछ ठीक-ठाक मालूम दे रहा है लेकिन अंदर खाने आपसी खींचातानी ने उत्तराखंड भाजपा में हलचल सी मचा रखी है , भर्ती घोटाले की आंच अभी ठंडी भी नहीं पडी थी कि अचानक सूर्यभान झील का मामला सामने आ गया , जिसमें कटघरे में त्रिवेंद्र सिंह रावत को खड़ा करने की तैयारी शुरू हो चुकी है , गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार विधानसभा बैकडोर एंट्री , यूके एसएससी भर्ती घोटाला और अन्य सभी घोटालों पर मुखर होकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे जिससे कहीं ना कहीं वर्तमान सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की इमेज को नुकसान पहुंच रहा था , अब सरकार ने जांच समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना शुरू किया है जिसे राजनीतिक हलकों में बीजेपी के दो मुख्यमंत्री की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।

 

आखिर क्या है मामला

सूर्यधार झील परियोजना के निर्माण में हुई धांधली को गठित जांच समिति की रिपोर्ट पर शासन ने की बड़ी कार्यवाही ,वित्तीय अनियमितता में सिंचाई विभाग के ईई को निलंबित कर दिया गया है।सचिव सिंचाई एचसी सेमवाल ने इस भ्रष्टाचार के संबंध में आदेश किये जारी ।

आपको बता दे 29 जून 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में सूर्यधार झील परियोजना के निर्माण घोषणा थी। निसमे 22 सितंबर 2017 को परियोजना के लिए 50.24 करोड की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति हुई थी जारी । 27 अगस्त 2020 को सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सूर्य झील का निरीक्षण किया । जिसके निर्माण कार्य मे पाई गई अनियमितताएं और पूर्व की सरकार में रहे सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने  अनियमितताओं की जांच करने के आदेश दिए थे।

सूर्य धार झील के आरंभिक लागत 62 करोड से लेकर स्वीकृत राशि से ₹12 करोड़ अधिक खर्च हुए ,झील की ऊंचाई 7 मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर की गई , शासन से भी नहीं ली गई थी इसकी अनुमति ।

माना ये जा रहा है कि अंदर खाने उत्तराखंड की भाजपा की सरकारों में रहे पूर्व के मुख्यमंत्रियों व वर्तमान के मुख्यमंत्री और मंत्रियों में आपसी तालमेल न होने के कारण आज ये सब देखने को मिल रहा है । भाजपा के ही मुख्यमंत्री व मंत्री अपनो पर जम कर एक दूसरे के कार्यकाल को लेकर खींच तान में लगे है।

वही वर्तमान में भ्रष्टाचार व अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर घिरी पुष्कर सिंह घामी सरकार अपनी साफ छवि को लेकर जमीनी स्तर पर दिन रात अपनी छवि बनाने में जुटी हुई है तो वही अब सूर्य धार झील का मामला उजागर कर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि में कही न कही उंगली उठती है।

ऐसे भी मजेदार बात यह है कि शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक ना तो विधानसभा घोटाले ,भर्ती घोटाले पर कोई प्रतिक्रिया देते हुए ठोस कदम उठाया है और ना ही कैबिनेट में कोई फेरबदल किया है जिसकी आशंका लगातार जताई जा रही थी , ऐसे में क्या माना जाए , जीरो टोलरेंस की दुहाई देने वाली भाजपा उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में अपनी परफॉर्मेंस को नहीं सुधार पा रही है तो आने वाले दिनों में खतरे की घंटी बजनी तय मानी जा रही है , जिसका खामियाजा केंद्र सरकार को भी उठाना पड़ेगा अगर समय रहते ठोस निर्णय नहीं आए तो , महिलाओं और युवाओं की बढ़ती नाराजगी आने वाले चुनाव में अपना असर डालेगी।

 

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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