उत्तराखंडक्राइमदेहरादूनस्वास्थ्य

नकली दवा कंपनी रडार पर विभाग की कारवाही जारी

उत्तराखंड में नकली दवाओं का कारोबार लगातार फुलता फलता कारोबार, विभाग हुआ सतर्क जारी है कारवाही

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

 

देहरादून , उत्तराखंड में नकली दवाओं का कारोबार लगातार फुलताफलता जा रहा है, क्योंकि इस कारोबार पर अब तक सरकारी सिस्टम की नजर नहीं थी, अब जाकर प्रशासन ने इस तरह के कारोबारियों को रडार पर लाना शुरू कर दिया है, जिस से नकली दवा फैक्ट्री अब पकड़ में आने लगी है।

नकली दवा कंपनियों पर ड्रग विभाग की बड़ी कार्रवाई, 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, 32 लोगों को भेजा जेल

दिसम्बर 2023 से मार्च 2024 तक अन्य राज्यों की दवाईयों के लिए गए 281 में से 47 सैंपल फेल

ड्रग विभाग ने किए 04 लाइसेंस निरस्त, 14 निलम्बित और दवाईयों के 63 अनुमोदन निरस्त*

 

देहरादून। उत्तराखंड में नकली दवाईयों के कारोबारियों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का अभियान लगातार जारी है। चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विभाग द्वारा गहन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। यात्रा मार्गों के साथ ही ड्रग विभाग की टीमें पयर्टन स्थलों में स्थित मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी के साथ ही दवा कंपनियों का भी औचक निरीक्षण कर रही हैं। आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ आर राजेश कुमार पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग करने के साथ अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं।

*अन्य राज्यों की दवाईयों के 281 सैंपल में से 47 सैंपल फेल….

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिह जग्गी ने बताया कि नकली दवा माफियों के खिलाफ विभाग का अभियान लगातार जारी है। चारधाम यात्रा व पर्यटन सीजन को देखते हुए गहन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नकली दवा कारोबारियों के खिलाफ ड्रग विभाग ने बड़ी कार्रवाईयां की है। रूड़की और उधमसिंहनगर में नकली दवा के ज्यादा मामले सामने आये हैं। पिछले 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किये गये हैं और 32 लोगों को जेल जाना पड़ा। इसके साथ ही कुल बेस्ड निरीक्षण के मामले 71, कुल निलम्बित निर्माण लाईसेंस 14, कुल निरस्त निर्माण लाइसेंस 04, कुल निरस्त औषधियों के अनुमोदन 63 के साथ ही निर्माण इकाईयों के सामान्य निरीक्षण 223 किये गए। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2023 से मार्च 2024 तक राज्य में ब्रिकय की जा रही औषधि की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने को लेकर जगह-जगह से 281 सैंपल लिए गये जिनमें से 47 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। यह सभी अन्य राज्यों में बनी दवाइयों के थे। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

राज्य की सीमा व अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी …

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिह जग्गी ने बताया कि दवा निर्माताओं के साथ ही दवाईयों के थोक व फुटकर विक्रेताओं पर भी कार्यवाही की जा रही है। विभाग दवाईयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलर पर निगरानी रख रहा है। दवाईयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलर पर निगरानी डिस्ट्रीब्यूटर एवं होलसेलर को केवल बिल पर ही दवाईयां विक्रय किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। सूचना, शिक्षा, व जन जागरूकता के माध्यम से जागरूकता बढ़ाये जाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में समस्त रिटेल शॉप पर कैमरे लगाने अनिवार्य किये गये हैं। राज्य में विभिन्न स्तर पर मनः प्रभावी दवाईयों के भण्डारण की सीमा निर्धारित की गयी है। राज्यों की सीमा एवं अर्न्तराष्ट्रीय सीमाओं पर भी विभाग द्वारा दवाईयों की आपूर्ति पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की कमी के कारण सप्लाई चेन पन निगरानी व नियंत्रण रखने में थोड़ा परेशानी आ रही है लेकिन विभाग द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।

अपर आयुक्त खा़द्य और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि दवाओं और कास्मेटिक उत्पादों की जांच रुद्रपुर के अलावा देहरादून में की जा रही है। यहां अत्याधुनिक मशीनों से सुविधा युक्त लैब है। इसमें वेट लैब, माइनर और मेजर, कास्मेटिक और माइक्रो लैब की सुविधा मौजूद है। यहां जांच के साथ आनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा है। अपर आयुक्त के मुताबिक आम लोग भी यहां मिलावट की जांच करा सकते हैं। उन्हें इसके लिए लैब चार्ज देना होगा। यात्रा मार्ग पर स्वच्छता और दवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीमें लगातार सैंपलिंग कर रही हैं। जांच के लिए एक मोबाइल लैब भी बनाई गयी है। अपर खाद्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि यात्रा मार्ग दवाइयों के 156 सैंपल लिए गये जो कि ठीक पाए गये हैं। चारधाम यात्रा मार्ग से एकत्रित किये गये सैंपल की जांच रुद्रपुर लैब में की जा रही है। यह जांच प्राथमिकता से हो रही है।

फूड लाइसेंस पर बनाया जा रहा था मल्टीविटामिन….

अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि कई दवा कंपनी में फूड लाइसेंस पर मल्टीविटामिन बनाए जा रहे थे। छापेमारी में मल्टीविटामिन के कैप्सूल और टेबलेट मिले। सैंपल की जांच में मल्टीविटामिन में दवाओं के सॉल्ट पाए जाने पर इनके विरुद्ध कार्रवाई की गई। कंपनी का सील कर दिया गया। टीम ने फैक्टरी कर्मियों से औषधि निर्माण का लाइसेंस दिखाने के लिए कहा। कर्मचारियों ने टीम को फूड लाइसेंस दिखाया।

नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं का स्टाक तय…

अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य सरकार ने नशे के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली नारकोटिक और साइकोट्रापिक दवाओं का स्टाक पहले ही तय कर रखा है। अब मेडिकल स्टोर व सप्लायर इन दवाओं की बिक्री मनमाने ढंग से नहीं कर पाएंगे। होलसेलर व रिटेलर को तय मात्रा से अधिक दवा रखने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें बिक्री का हिसाब भी रखना होगा।

लाइसेंस निरस्त करने के साथ होगी कार्रवाई…

अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य में अब कोई भी मेडिकल स्टोर या स्टाकिस्ट तय सीमा से अधिक दवाओं का स्टाक नहीं रख सकता। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही अन्य कार्रवाई भी की जाएंगी।

आदेश में कुल 13 दवाओं का स्टाक तय

ड्रग कंट्रोलर की ओर से जारी आदेश में कुल 13 दवाओं का स्टाक तय किया गया है। इसमें एल्प्राजोलाम, ट्रामाडोल, ट्रामाडोल इंजेशक्शन, कोडीन, पेंसिडिल, डाइजेपाम, डाइजेपाम इंजेक्शन, क्लोनाजेपाम, पेंटाजोनिक, निट्रेजापाम, निट्रेजापाम इंजेक्शन आदि को इस श्रेणी में शामिल किया गया है। इन दवाओं का नया स्टाक तभी मंगाया जा सकेगा जब पहले का उपयोग हो गया हो और उसके उपयोग की पूरी जानकारी दे दी जाए। रिटेल में दवा विक्रेता इन दवाओं की अब 10 से 15 वायल और 20 के करीब स्ट्रिप रख सकेंगे।

*फलों की भी होगी जांच*

अपर खा़द्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि फलों को लेकर कैलिशियम कार्बोइड के प्रयोग, मिलावट और इंजेक्शन लगाने की शिकायतें मिल रही हैं। इसके मद्देनजर खा़़द्य निरीक्षकों को पूरे यात्रा मार्ग पर भी फलों में मिलावट की जांच के आदेश दिये गये हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश में छापेमारी अभियान शुरू होने जा हरा है। 31 मई से यात्रा मार्ग पर गहन छापेमारी अभियान चलाया जाएगा और फलों की जांच की जाएगी। यात्रा मार्गों से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जायेंगे। जांच में दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

 

 

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

Related Articles

Back to top button
Translate »