यात्रा में देरी,बजट ने बिगाड़ा यात्रा मजा
19 तक बढ़ी रजिस्ट्रेशन पर रोक , यात्री परेशान एक हफ्ते से ज्यादा ऋषिकेश यात्रा ट्रांजिट कैंप में डेरा डाले है
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश के ट्रांजिट कैंप में फूटा यात्रियों का गुस्सा
रजिस्ट्रेशन ना मिलने से ऋषिकेश में डेरा डाले है यात्री
कोई भी जवाबदेही तय नहीं, यात्री उतरे हंगामे पर
ऋषिकेश, चारधाम यात्रा 2024 सरकार और यात्रा प्रशासनके लिए चुनौती बनती जा रही है, हालात ये है कि देश भर से यात्री चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आता जा रहा है लेकिन उसको संतुष्ट करने के लिए ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप में कोई भी अधिकारी जवाबदेही के लिए तैयार नहीं है आज सुबह से ही ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप में हफ्ते भर से यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। अभी 19 मई तक रजिस्ट्रेशनके लिए इंतजार करना पड़ेगा, जिसके चलते यात्रियों का यात्रा बजट और समय अवधि भी बढ़ गई है। जो यात्री ऋषिकेश से आगे निकल गए हैं उनको रास्तों पर रोका जा रहा है सभी चैक पोस्ट पर प्रशासन का आदेश है कि बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को भी आगे जाने नही दिया जाए क्योंकि चार धाम पूरी तरह फुल है।
ये तो हुई यात्रा के ताजा हालात की तस्वीर, सवाल यह है कि इस तरह के हालात क्यों बने ?
सरकार ने बीते कुछ सालों से यात्रा को सिर्फ देहरादून में बैठक संचालित करने और पर्यटन विभाग जैसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों के भरोसे छोड़ दिया है देहरादून में मंत्री से लेकर संतरी अपनी कंफर्ट जोन में बैठ कर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे, जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हो रहा था, सरकार की रजिस्ट्रेशन प्रकिया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ने पूरा खेल ही बिगाड़ के रख दिया , बड़ी संख्या में पर्यटक धामों के कपार्ट खुलते ही यात्रा के लिए आ गया जो असली ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया थी उसके लिए देरी का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया, देश भर से ग्रामीण इलाकों से यात्री ट्रांजिट कैंप में अपना रजिस्ट्रेशन कराने पहुंच रहा है जो उसे मिल नही पा रहा है।
चारो धामों में मस्ती के लिए पर्यटन करने वाले युवा बड़ी संख्या ने नजर आ रहे और असली यात्री बेचारा बिना पैसे के ट्रांजिट कैंप में दिन रात गुजार रहा है।
सरकार जब तक यात्रा को गंभीरता से लेकर एक यात्रा मैनेजमेंट के लिए पूरे साल भर काम करने वाला अलग विभाग तैयार नहीं करेगी तो हालात ऐसे ही बिगड़ते रहेंगे, अन्य राज्यों से कोडिनेशन हो यात्रा शुरू होने से पहले, एक ही सिंगल विंडो सिस्टम से यात्रियों का पंजीकरण और स्लॉट मिले, धामों में दर्शन पंजीकरण के नंबर अनुसार हो, तब जाकर एक व्यवस्था बन सकती है