धनतेरस को लेकर कन्फ्यूजन, क्यों मनाते हैं धनतेरस
दिवाली से पहले धनतेरस का क्या महत्व है कब और क्यों मनाया जाएगा इस बार धनतेरस , क्या करें और क्या ना करें, बता रहे हैं ज्योतिष के जानकार
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , हर बार की तरह दिवाली आते ही बाजार में इसकी रौनक दिखनी शुरू हो जाती है दिवाली से पहले पडने वाले धनतेरस को सीधे बाजार से जोड़ दिया गया है , पुराने समय में बड़े और संयुक्त परिवार हुआ करते थे और उसमें बर्तन या रसोई का सामान महिलाओं के लिए विशेष आकर्षण रखता था धनतेरस पर व्यापारियों ने महिलाओं की इस आकर्षित करने वाली चाहा को बाजार वास से जोड़ दिया है , इस दिन में खरीदारी करने को शुभ बताकर सोने चांदी ,बर्तन भांडे, पर्दे, कपड़े सभी की मार्केट पूरे भारतवर्ष में उछाल मारने लगती है , जबकि यह त्यौहार सेहत से जुड़ा है और जानकार कहते हैं कि धनतेरस के दिन आयुर्वेद के प्रथम गुरु धनवंतरी का जन्म हुआ था , और धनवंतरी सेहत को बनाने में दवा के सबसे बड़े जानकार अब तक के माने जाते हैं देव काल में धनवंतरी का डंका तीनों लोकों में बजता था। लेकिन धीरे धीरे सेहत पीछे छूट दी गई साज सजावट और जरूर दें धनतेरस पर हावी होती गई हम बताते हैं आज आपको धनतेरस 2022 में किस दिन पड़ रही है और क्या संयोग बन रहा है
- इस बार त्रयोदशी तिथि के संयोग से ऐसा हो रहा है। दरअसल धनतेरस की तिथि 22 अक्टूबर की शाम से शुरू होकर 23 अक्टूबर की शाम तक रहेगी।
- धनतेरस की खरीदारी के लिए 23 अक्टूबर का दिन ज्यादा शुभ रहेगा।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है। इस दिन से पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत होती है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसलिए धनतेरस को धन्वन्तरि जी के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं। इसलिए धनतेरस का दिन चिकित्सकों के लिए विशेष महत्व रखता है। हालांकि इस बार धनतेरस की सही तारीख क्या है इसको लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है। ऐसे में ऋषिकेश के जानेमाने ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र उनियाल जी का कहना है कि आज 22 अक्टूबर 2022 को शाम 5 बजकर 15 मिनट से शुरू हो रही है और 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि का शाम 05 बजकर 20 मिनट तक रहेगी।
कब है धनतेरस?
कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर 2022 को शाम 5 बजकर 15 मिनट से शुरू हो रही है और 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि का शाम 05 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार इस बार धनतेरस आज शाम 05 बजकर 15 मिनट से कल शाम 5.20 बजे तक खरीदारी की जा सकती है। हालांकि, उदया तिथि के अनुसार धन्वंतरि जयंती कल 23 को ही मनाई जाएगी। साथ ही धनतेरस की खरीदारी के लिए 23 अक्टूबर का दिन ज्यादा शुभ रहेगा।
अगर कोई शुभ काम शुभ समय में किया जाए, तो उससे मिलने वाले लाभ में अपने आप ही बढ़ोतरी हो जाती है। अतः शुभ समय में धनतेरस की खरीदारी करके आप ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।
धनतेरस मनाने के पीछे क्या है कारण…
आमतौर पर लोग धनतेरस को पैसों से जोड़कर देखते हैं लेकिन ये आरोग्य नाम के धन का पर्व है। पूरे साल अच्छी सेहत के लिए इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि की पूजा होती है। विष्णु पुराण में निरोगी काया को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। सेहत ही ठीक न हो तो पैसों का सुख महसूस नहीं होता इसलिए धन्वंतरि पूजा की परंपरा शुरू हुई।
पौराणिक कथा के मुताबिक, समुद्र मंथन के वक्त शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक महीने की बारहवीं तिथि को कामधेनु गाय और अगले दिन यानी त्रयोदशी पर धन्वंतरि हाथ में सोने का कलश लेकर प्रकट हुए। जिसमें अमृत भरा हुआ था। उनके दूसरे हाथ में औषधियां थी और उन्होंने संसार को अमृत और आयुर्वेद का ज्ञान दिया। यही वजह है कि इस दिन आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है। पुराणों में इन्हें भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना गया है।