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एम्स, ऋषिकेश में वायरल हेपेटाइटिस पर सीएमई एवं तकनीकी परामर्श कार्यक्रम का हुआ आयोजन

ऋषिकेश — विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2025 के अवसर पर एम्स,ऋषिकेश के तत्वावधान में “हेपेटाइटिस: आइए इसे समझें विषय पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) सत्र और तकनीकी परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य हेपेटाइटिस के बारे में गहन समझ विकसित करना, बेहतर प्रतिक्रिया रणनीतियां तैयार करना और सहयोगात्मक प्रयासों को प्रोत्साहित करना था। जिससे इसे एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सके।

 

सीएमई सत्र की शुरुआत प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के व्याख्यान से हुई। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. रोहित गुप्ता ने वायरल हेपेटाइटिस के बोझ पर व्याख्यान दिया, जबकि माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. योगेंद्र माथुरिया ने स्क्रीनिंग और निदान की विधियों पर विस्तार से चर्चा की। जिसमें उन्होंने विषय पर नवीनतम प्रगतियों के साथ साथ मौजूदा कमियों पर प्रकाश डाला।

डॉ. आनंद शर्मा ने उपचार और प्रबंधन प्रोटोकॉल पर चर्चा करते हुए चिकित्सकों के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रस्तुत किया जबकि, डॉ. अजीत सिंह भदौरिया ने सामुदायिक स्तर पर निवारक रणनीतियों और नीति समन्वय पर जोर दिया।

 

इसके बाद तकनीकी परामर्श विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के हेपेटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय दुसेजा ने किया। उन्होंने हेपेटोलॉजी में प्रगति और एकीकृत देखभाल प्रणाली की आवश्यकता पर विचार साझा किए।

कार्यक्रम में एम्स, ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, शैक्षणिक डीन प्रोफेसर जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्यश्री बालिजा विशेषरूप से उपस्थित रहीं।

 

निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह, डीन शैक्षणिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक बी. सत्यश्री व सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका ने कार्यक्रम को लेकर इस वर्ष की WHO थीम का परिचय दिया। प्रो. रोहित गुप्ता ने उत्तराखंड में यकृत रोगों के बोझ पर क्षेत्रीय आंकड़ों और सेवा वितरण की कमियों पर प्रकाश डाला। डॉ. आनंद शर्मा ने लिवर ट्रीटमेंट सेंटर्स की प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा करते हुए ढांचे और जनशक्ति सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता बताई।

प्रो. वाई.पी. माथुरिया ने परीक्षण सेवाओं और निदान की कमियों पर विचार साझा करते हुए प्रयोगशाला क्षमताओं और प्रारंभिक पहचान में बाधाओं पर ध्यान केंद्रित किया।

डॉ. अजीत सिंह भदौरिया ने निवारक हेपेटोलॉजी पर जोर देते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की समान पहुंच और दीर्घकालिक रोकथाम में भूमिका को रेखांकित किया।

 

इस अवसर पर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. आकांक्षा निराला ने राज्य-स्तरीय प्रगति, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने संस्थान की जनस्वास्थ्य नेतृत्व और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के तहत डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. पूजा भदौरिया के सहयोग से संस्थान के ऑफिस स्टाफ का फैटी लिवर स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन भी किया गया।

 

एमपीएच स्कॉलर डॉ. साक्षी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में जूनियर रेजिडेंट, समुदाय चिकित्सा डॉ. आकाश सचदेवा व एमपीएच स्कॉलर, समुदाय चिकित्सा डॉ. आयुषी गोयल ने जागरूकता गतिविधियों और प्रतियोगिताओं के अव्वल प्रतिभागियों की घोषणा की, साथ ही विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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