रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
नैनीताल/देहरादून, उत्तराखंड में वाहन स्वामी ऑटोमेटेड सेंटर पर फिटनेस कराने का विरोध कर रहे थे , सरकार के एक तुगलकी फरमान पर फिटनेस की कार्रवाई के लिए देहरादून में माजरी और उधम सिंह नगर में रुद्रपुर पर वाहनों की फिटनेस कराने की अनिवार्यता का सरकार ने आदेश पारित किया था, जिसके विरोध में परिवहन कंपनियों और वाहन स्वामी लगातार लामबंद थे।
हाई कोर्ट ने वाहन स्वामियों को राहत देते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि तुरंत ही माजरी और उधम सिंह नगर फिटनेस सेंटर की अनिवार्यता पर रोक लगाई जाए साथ ही आरटीओ दफ्तरों में फिटनेस की समुचित व्यवस्था की जाए ,इस मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकल पीठ में हुई राज्य सरकार की ओर से वाहनों को ऑटोमेटेड फिटनेस के लिए देहरादून के माजरी और उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में सेंटर बनाया गया इसके बाद सरकार ने आदेश जारी कर हर वाहन चालक और ट्रांसपोर्टर को इन दोनों ही सेंटर में फिटनेस करवाने के आदेश जारी किया था, जिसका ट्रांसपोर्टर विरोध कर रहे थे देहरादून के ट्रांसपोर्टर ने इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और याचिका में कहां गया था कि ऋषिकेश विकासनगर देहरादून का वाहन माजरी जाकर कैसे फिटनेस करवा सकता है यहां वाहनों की 1 दिन मे फिटनेस नहीं हो पा रही है ।
वाहनों की संख्या ज्यादा है और जिले में एकमात्र फिटनेस सेंटर होने पर वाहन मालिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है हाईकोर्ट ने ट्रांसपोर्ट की समस्या को समझते हुए सरकार के ऑटोमेटिक सेंटर पर ही वाहनों की फिटनेस करवाने से जुड़े आदेश पर रोक लगा दी है साथ ही सरकार को निर्देश दिया है कि वह सभी आरटीओ दफ्तरों में भी फिटनेस करवाने की व्यवस्था बनाएं ।
हाईकोर्ट के इस फैसले पर परिवहन महासंघ और ऋषिकेश के परिवहन व्यवसायियों ने खुशी जाहिर करी है , परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाहन स्वामी काफी खुश और कोट का धन्यवाद करना चाहते हैं कि उन्होंने संज्ञान लेकर परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत पहुंचाई है