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शिक्षा बेहतर समाज का निर्माण करती है-अवादा फाउंडेशन

पर्वतीय छात्र भी डिजिटल युग की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं,

ऋषिकेश — एक बेहतर समाज के लिए शिक्षा का होना बहुत जरूरी है इसी तरफ काम कर रहा है अवादा शिक्षा के माध्यम से हम अपने समाज को विकसित कर सकते हैं जिससे एक अच्छे देश का निर्माण भी होगा, उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में अवादा फाउंडेशन शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का काम कर रहाहै। इसके लिए फाउंडेशन बजट भी अपने स्तर से जुटाने में लगा हुआ है। अब तक उत्तराखंड के 665 स्कूलों की दशा सुधारने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को फाउंडेशन की डायरेक्टर रितु पटवारी ने अपने सदस्यों के साथ मिलकर बढ़ाया है।अवादा फाउंडेशन देश के 19 राज्यों में काम कर रहा है। फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा ,सशक्तिकरण ,पर्यावरण, स्वास्थ्य और ग्रमीण इलाकों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराना है।

इस संबंध में फाउंडेशन की डायरेक्टर रितु पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेस की। जिसमें उन्होंने फाउंडेशन के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी और अपने उद्देश्यों से अवगत कराया।

 

उन्होंने बताया कि ऋषिकेश और आसपास के 12 सरकारी स्कूलों में अभी तक फर्नीचर की व्यवस्था फाउंडेशन करवा चुका है। उत्तराखंड के बॉ्डर वाले इलाकों के 42 स्कूलों में वर्चुअल  क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है।उत्तराखंड पारंपरिक हस्तशिल्प के साथ सामान्य से लेकर विषय-आधारित डिजिटल पाठ्य सामग्री।

 

डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों को एनिमेटेड वीडियो, प्रोजेक्टर और एक्टिविटी-बेस्ड शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, जो बच्चों को कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम को सहज और रोचक ढंग से समझने में मदद करती है।शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।शिक्षकों को भी डिजिटल शिक्षा पद्धतियों और स्मार्ट शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है , जिससे वे बच्चों को नई शिक्षा प्रणाली से जोड़ सकें। यह प्रशिक्षण शिक्षकों की कार्यशैली को न केवल आधुनिक बना रहा है बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से भी सशक्त कर रहा है।सुदूर क्षेत्रों में नई उम्मीद की किरण।उत्तराखंड के सीमांत जनपदों जैसे पिथौरागढ़,बागेश्वर, चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी के दूरस्थ गांवों तक इस पहल का लाभ मिल रहा है। जिन क्षेत्रों में इंट्रनेट और संसाधनों की भारी कमी थी,वहां अब डिजिटल शिक्षा की नई रोशनी पहुंच रही है। उत्तराखंड पारंपरिक हस्तशिल्प समुदाय की भी सक्रिय भागीदारी इस योजना में शिक्षक, अभिभावक, पंचायत प्रतिनिधि और समुदाय के सदस्य भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए अब घर पर भी डिजिटल सामग्री मिल रही है, जिससे घर में भी शिक्षा का माहौल बन रहा है।

आई विस्तार से जानते हैं अवादा फाउंडेशन के बारे में

 

अवादा फाउंडेशन ने केवल शिक्षा में ही नहीं बल्कि कोविड संकट के समय भी हजारों परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाई। साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 25 BiPAP मशीनें भी राज्य सरकारको दी गई।

 

उत्तराखंड के पहाड़ों में डिजिटल शिक्षा की यह पहल एक नई क्रांति का संकेत है। अवादा फाउंडेशन व प्लैनेट रीड के इस संयुक्त प्रयास से राज्य की शिक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद की जा रही है। अब पर्वतीय छात्र भी डिजिटल युग की मुख्यधारा से जुड़ पा रहे हैं, जो राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मजबूतकदम है।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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