रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश, ज्योतिर मठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम के ऋषिकेश डंडी बाड़े स्तित आश्रम में शंकराचार्य की जयंती को बड़ी धूम धाम से मनाया गया।
शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम समाधि संस्थान की ओर से आदिगुरु शंकराचार्य की जयंती पर तीर्थनगरी में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। नगर भ्रमण के दौरान शोभायात्रा का कई जगहों पर पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया।
आपको बता दे कि मंगलवार को त्रिवेणीघाट गंगातट पर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य आदिगुरु शंकराचार्य की पादुका के साथ शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया। यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए मायाकुंड स्थित जनार्दन आश्रम दंडीवाड़ा पहुंच कर संपन्न हुई। इसबीच नगर में शोभायात्रा का नागरिकों ने फूलों की वर्षा कर जोरदार स्वागत किया। शोभायात्रा में संत-महात्माओं, जनप्रतिनिधियों, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं जुडे लोगो और संस्कृत विद्यालयों के स्टॉफ और छात्रों ने प्रतिभाग किया।
इससे पूर्व अखिल भारतीय धर्म संघ के कार्यकारी अध्यक्ष दंडी स्वामी देवादित्य महाराज, दंडी स्वामी विज्ञानानंद तीर्थ महाराज के सानिध्य में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। संतो ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने वैदिक सनातन संस्कृति को आगे बढाने के लिए अविस्मरणीय कार्य किए। जब वैदिक सनातन संस्कृति पर संकट था, तो शंकराचार्य ने भारत में चारों धामों की स्थापना कर देश को एकसूत्र में पिरोया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर ईश्वर दास, महामंडलेश्वर दयाराम दास, महंत शिवानंद गिरि, महन्त मुनि अभय चैतन्य, दंडीवाडा आश्रम प्रबन्धक केशव स्वरुप ब्रह्मचारी, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, अच्युतानंद महाराज, महन्त जगदीश प्रपन्नाचार्य, प्रकाशानंद, गोपालाचार्य, महामंडलेश्वर साध्वी आत्म चेतना गिरि, रवि प्रपन्नाचार्य, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल आदि ने अपने विचार रखे।