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उत्तराखंड में खास होता है बसंत पंचमी का दिन
चार धाम यात्रा के मुख्य धाम श्री बद्रीनाथ धाम के कपार्ट और गाडू घड़ी कलश की तिथि होती घोषित _ टिहरी नरेश द्वारा की जाती है कपार्ट खुलने की घोषणा एक अनूठी परंपरा
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
उत्तराखंड में खास होता है बसंत पंचमी का दिन, चार धाम यात्रा के मुख्य धाम श्री बद्रीनाथ धाम के कपार्ट और गाडू घड़ी कलश की तिथि होती घोषित _ टिहरी नरेश द्वारा की जाती है कपार्ट खुलने की घोषणा एक अनूठी परंपरा

ऋषिकेश /नरेंद्र नगर, बसंत पंचीमी का दिन नरेंदर नगर राजमहल के लिये खासा महत्वपूर्ण होता है ,इसी दिन भगवान बद्री विशाल के कपार्टखुलने की तिथि तय की जाती है ,राजपरिवार का मुखिया विधिवत पूजा अर्चना के साथ कपाट खुलने की घोषणा करता है
टिहरी राजवंश के नरेंद्र नगर राजमहल बसंत पंचमी के दिन वैदिक मंत्रों से गूंज उठता है
राजपुरोहित पंचांग देख कर बद्रीनाथ धाम की यात्रा के दिन को ओर गाडू घडी की तिथि तय करता है ,टिहरी राजवंश ने नरेंदर नगर महल से बद्रीनाथ धाम के कपार्ट खोलने की विधिवत घोषणा की जाती है 14फरवरी की तैयारी में राज पुरोहित जुट गए है
टिहरी के राज पुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद बुनियाद ने बताया कि सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है दोपहर 12 बजे करीब टिहरी के महाराज मनुजेंद्र शाह द्वारा तिथि की घोषणा की जाएगी।

प्राचीन काल से ही टिहरी राजपरिवार इस परंपरा को निभाता आ रहा है वसंत पंचमी के दिन सुबह से ही राजमहल में बद्रीनाथ केदारनाथ समिति ओर डिमर गाव से आये पुजारी गाडू गाड़ी लेकर आते है, जिसको राजपरिवार को सौप दिया जाता है, तय तिथि पर सुहागन महिलाएं हाथों से तिल का तेल पीसकर भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए तेल निकलती है, जिसे इस कलश में भरकर बद्रीनाथ धाम ले जाया जाता है, जहां शीत निंद्रा से जागने के बाद भगवान का अभिषेक किया जाता है
