चारधाम यात्रा किराया बढ़ोतरी पर रोक
अब नहीं बढ़ेगा चार धाम यात्रा का किराया , परिवहन कंपनियों को झटका देते हुए सीएम की पहल पर राज्य परिवहन प्राधिकरण ने लगाई रोक
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून , 2023 की चार धाम यात्रा के लिए अभी तीर्थ यात्रियों की जेब पर बोझ नहीं पड़ने वाला है जी हां सरकार ने संयुक्त रोटेशन के फैसले पर रोक लगा दी है और कहा है कि पुरानी दर पर ही 2030 की चार धाम यात्रा संचालित की जाएगी जिस से तीर्थयात्रियों की जेब पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा ।
धामी सरकार ने चारधाम यात्रा 2023 के लिए निजी परिवहन कंपनियों द्वारा पांच प्रतिशत बढ़ाए गए यात्रा किराये पर रोक लगा दी है। इस वर्ष भी तीर्थयात्री पुराने किराये सूची के अनुसार ही यात्रा कर सकेंगे।
बता दे कि बीते दिनों कुछ परिवहन कंपनियों ने बैठक कर चारधाम यात्रा 2023 में पांच प्रतिशत किराया बढ़ाने का ऐलान किया था। लेकिन, संभागीय परिवहन विभाग ने निजी बस कंपनियों की ओर से की गई यात्रा किराया बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है। यात्रियों से राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की ओर से तय किराया ही लिया जाएगा। परिवहन प्राधिकरण का कहना है कि चारधाम यात्रा का किराया जुलाई 2022 में बढ़ाया गया था। लेकिन ऋषिकेश की संयुक्त रोटेशन परिवहन कंपनियों ने किराये में खुद ही पांच फीसदी तक बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया था। लेकिन परिवहन विभाग इस सीजन में किराया बढ़ाने को तैयार नहीं है। जिस वजह से सभी कंपनियों को पुराने किराया सूची पर ही यात्रियों को चारधाम यात्रा करानी होगी। परिवहन विभाग का कहना है कि चारधाम यात्रा का किराया बढ़ोतरी को अभी सात महीने हुए हैं। इस बीच डीजल समेत वाहन के खर्चों में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। इसलिए विभाग की ओर से फिलहाल चारधाम यात्रा के लिए किराये में कोई बढोत्तरी नहीं कि जायेगी।
संयुक्त रोटेशन के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा है कि परिवहन कंपनियों ने 5% की वृद्धि आपस में बैठकर इसलिए तय करी गई है क्योंकि बीते 3 साल से किराए में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी गाड़ी के चेसिस सहित अन्य एसेसरीज में लगातार मूल्य वृद्धि होती जा रही है टायर महंगे हो गए हैं इसलिए सरकार को भी परिवहन व्यवसायियों के बारे में सोचना चाहिए 5% की मामूली वृद्धि कोई बड़ी वि नहीं है
परिवहन कंपनियां भी नहीं चाहती कि यात्रियों पर ज्यादा बोझ पड़े लेकिन परिवहन व्यवसाय को चलाए रखने के लिए किराएदार बढ़नी चाहिए।