रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून, पहाड़ों पर जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जा रही है वैसे वैसे उत्तराखंड की राजनीति में भी गर्मजोशी आती जा रही है , जनता की दुखती रग पर हाथ रख कर कांग्रेस हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी अपनी जड़ों को मजबूत करने जा रही है , पुरानी पेंशन बहाली के साथ-साथ कॉन्ग्रेस विधानसभा भर्ती घोटाले को ठंडा नहीं होने दे रही है क्योंकि इससे कई युवाओं का भविष्य जुड़ा है और उत्तराखंड में सुशासन की दुहाई देने वाली भाजपा इस मुद्दे पर पूरी तरह घिरी हुई है , सर्वोच्च न्यायालय ने भी विधानसभा भर्ती घोटाले पर बर्खास्त कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के मामले को सही ठहरा कर जहां रितु खंडूरी को मजबूत किया है वही कांग्रेस को भी नियुक्ति देने वालों पर आक्रमक होने का मौका दे दिया है हालांकि बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर भी बयान बाजी कर रही है लेकिन हरीश रावत ने मुख्यमंत्री सहित बीजेपी आलाकमान पर आरोप लगाया है कि वह दोषियों को बचा ही नहीं रही है बल्कि उनको लगातार तो साहित्य करती जा रही है ।
हरीश रावत के बाद रावत के तीर के बाद उनके सिपहसालार रहे गोविंद सिंह कुंजवाल नहीं भी बयान देकर बीजेपी को परेशानी में डाल दिया है गोविंद सिंह कुंजवाल उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व स्पीकर रहे हैं उनके कार्यकाल में भी विधानसभा भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने निशाना साधा था लेकिन अब गोविंद सिंह कुंजवाल खुद कार्यवाही की मांग कर रही है और उनका कहना है कि अगर मैं दोषी हूं तो मुझे भी सजा मिले लेकिन बीजेपी की भर्ती को न्यायालय भी गलत मान रहा है जब नौकरी करने वालों को सजा मिल रही है तो नौकरी देने वाले कैसे बच सकते हैं यह सवाल लगातार राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है
गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि मेरे कार्यकाल में हुई सारी नियुक्तियां नियमानुसार हुई है। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी एजेंसी से जांच के लिए तैयार हूं।