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आचार्य प्रशांत का शिविर 1 मार्च से ऋषिकेश में

ऋषिकेश के गंगा तट पर आचार्य प्रशांत की महाभारत और अष्टावक्र गीता पुस्तक का विमोचन , विधानसभा अध्यक्ष ने किया विमोचन

 

रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल

आचार्य प्रशांत की महाभारत और अष्टावक्र गीता पुस्तक का हुआ विमोचन

धर्म एवं ग्रंथों से हमें प्यार करना चाहिए -आचार्य प्रशांत

ऋषिकेश , आचार्य प्रशांत  ने युवा पीढ़ी को भारतीय अध्यात्म से जुड़ने के लिए  प्रशासनिक सेवा जैसे कैरियल को छोड़कर भारतीय अध्यात्म को प्रचार प्रसार का जरिया बनाया है  आईआईटी एवं आई आई एम जैसे देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों से शिक्षा प्राप्त आपने जीवन का उद्देश्य धर्मगुरु ,लेखक और सुधारक के रूप में बना लिया , आज आचार्य प्रशांत से जुड़ने के लिए बड़ी संख्या में युवा न्यू मीडिया का सहारा लेते हैं और सोशल प्लेटफॉर्म के द्वारा अपने प्रश्नों के उत्तर भी पाते हैं ।

ऋषिकेश के गंगा तट से आचार्य प्रशांत को बेहद लगाव है अपनी पुस्तक का विमोचन के लिए आचार्य प्रशांत ऋषिकेश पहुंचे जिसका विमोचन ऋषिकेश विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने गंगा तट पर किया , मीडिया से बात करते हुए  प्रशांत अद्वैत संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत ने कहा कि धर्म एवं ग्रंथों से हमें प्यार करना चाहिए , जो कि हमें प्रकाश की ओर ले जाते हैं। यह विचार आचार्य प्रशांत ने तपोवन स्थित एक रिसोर्ट मे महाभारत और अष्टावक्र गीता पुस्तक के विमोचन के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि हमें प्रकाश की ओर ले जाने का मार्ग तो दिखाते ही हैं साथ ही हमें अपनी अच्छाइयों को बुराइयों से भी अवगत कराते हैं उन्होंने कहा कि आज के युग में धर्म और राजनीति पर काफी चर्चाएं होती है परंतु उनका मानना है कि राजनीति धर्म पर आधारित होनी चाहिए क्योंकि सही राजनीति की दिशा दिखाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है उनका मानना था कि यदि राजनीतिक होगी तो मनुष्य सही धर्म की ओर अग्रसर होगा आचार्य प्रशांत ने कहा कि बुद्धि और स्मृति भी संसाधन है ।

जिसका सही दिशा मैं यदि प्रयोग किया जाएगा सुबह मुक्ति की ओर ले जाएगा उल्लेखनीय है कि प्रशांतअद्वैत संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत विगत 2006 से भारत के वैदिक ग्रन्थों का आम जनमानस को ज्ञान देने हेतु आध्यात्मिक मिशन में कार्यरत हैं। आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ एवं अध्यात्म संबंधी 70 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।

हिंदू समाज को उनके ग्रन्थों का ज्ञान हो सके, इसके लिए “घर घर उपनिषद” नामक विशाल कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है। इस मुहिम के तहत 20 करोड़ घरों में वेदांत-उपनिषद की प्रति संस्था निशुल्क पहुंचाई जा रही है ।
आचार्य ने आई आई टी- आई आई एम की डिग्री के बाद जनमानस में आध्यात्मिक पुनरुत्थान का बीड़ा उठाया है । अंग्रेज़ी में उनकी पुस्तक ‘कर्म’ देश की शीर्ष बेस्टसेलिंग पुस्तक है। देश के जाने-माने विश्वविद्यालयों में 500 से अधिक उनके सत्र हो चुके हैं,उनके द्वारा 25 फरवरी से एक मार्च तक ऋषिकेश में एक आध्यत्मिक शिविर “अद्वैत महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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