रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , ऋषिकेश के गंगा तट पर गुजरात से आए लगभग 500 लोगों ने आज सूर्य ग्रहण के समय अनोखे रूप से ग्रहण काल का समय बिताया जिससे गंगा तट पर गुजरात की संस्कृति की झलक सभी देखने वालों का मन मोहने लगी गौरतलब है कि गीता भवन में गुजरात के प्रसिद्ध हीरा व्यापारी जोधान ब्रदर्स के ऑनर निक्कू भाई के सौजन्य से चार दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमे पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव महानगरों की लाइफ स्टाइल के पडने से संयुक्त परिवारों की परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है और परिवार धीरे-धीरे टूटते जा रहे हैं ,
जिसको लेकर गुजरात के प्रसिद्ध कथा वाचक एवं विचारक मूर्ति दास के द्वारा अलग अलग विषयों पर व्याख्यान दिया जा रहा है , इस सेमिनार में शिरकत करना गुजरात से आए हुए हर वर्ग हर आयु के श्रद्धालु गंगा तट पर आकर एक अलग ही अनुभूति का आनंद कर रहे हैं ,आज ऋषिकेश गंगा में गुजरात से आए 500 लोगों ने एक अलग अंदाज में सूर्य ग्रहण का समय बिताया, गंगा तट पर गुजरात की संस्कृति के रंग गरबा और संगीत के माध्यम से गूंजने लगे ऋषिकेश के गंगा तट पर अपने गुरु मूर्तिमान प्रभुपाद के साथ आए गुजराती समुदाय के लोगों ने गरबा और भजन कीर्तन करके ग्रहण काल को नाच गाकर चुनौती दी है , जबकि इस समय पर आमतौर पर भारतीय लोग घरों में रहना पसंद करते हैं । आचार्य मूर्ति मान का कहना था कि ग्रहण काल में कीर्तन और भजन का विशेष महत्व होता है और इससे निकलने वाली ऊर्जा सभी दोस्तों का हरण करती है और ऐसे में गंगा तट का सानिध्य सोने पे सुहागा साबित होता है जिसका उत्तराखंड हाय यह सभी लोग उठा रहे है