पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार गंभीर
पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए गंभीरता से विचार करेंगे : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
पन्तनगर , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ.रतन सिंह ऑडिटोरियम पहुॅचकर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इण्डिया) प्रान्तीय अधिवेशन में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम की शुरूआत दीप जलाकर की। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इण्डिया) की 11 सूत्रीय मांग पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून हेतु गंभीरता से विचार करेंगे और जो भी बेहतर होगा, वह कार्य किया जायेगा, इसके साथ ही इसके साथ ही मांगों गहनता से परीक्षण कराते हुए जो भी पत्रकारों के हित में बेहतर होगा, वह कार्य अवश्य किया जायेगा।
श्री धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को नमन करता हूॅ। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तम्भ-न्याय पालिका, कार्य पालिका, विधायिका व प्रेस के मध्यम जनहित में आपसी समन्वय होना चाहिए और कोई भी पक्ष कमजोर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता पारदर्शी व आम आदमी से जुड़ी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पहले की पत्रकारिता काफी कठिन होती थी और आज भी पत्रकारिता मैं बहुत सारी चुनौतियां हैं । उन्होंने कहा कि आज डिजिटल का दौर है, लेकिन ऐसे में भी पत्रकारिता में आज भी एक सुनहरा भविष्य छिपा है। उन्होंने पत्रकारों से अपील की है कि वह निष्पक्ष पत्रकारिता करें और लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ की मर्यादा को बरकरार बनाए रखें। उन्होंने कहा कि देश के संविधान की विशेषता है कि निचले स्तर से उठकर एक व्यक्ति देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा रहा है और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देश की ख्याति बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि जबकि वे भी सैनिक परिवार से होने के बावजूद प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं।
श्री धामी ने कहा कि संभवतः पहली बार आम आदमी का बजट भी आम आदमी की राय से तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज के बुद्धीजीवी वर्ग में से है, बजट तैयार करने में पत्रकार बन्धु भी अपनी-अपनी राय अवश्य दें। उन्होंने कहा कि आम आदमी के बजट हेतु जैसे-जैसे जनता जागरूक होगी, वैसे-वैसे जनता के सुझाव भी अवश्य प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बजट निर्माण में निश्चित ही जनता की सहभागिता बढ़ेगी।
श्री धामी ने कहा कि दुनिया में एक से एक खूबसूरत स्थान हैं, परन्तु देवो की भूमि एवं धर्म, संस्कृति व अध्यात्म के संगम उत्तराखण्ड जैसा कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन कारोबार से जुड़े छोटे-बड़े व्यवसायियों को पिछले दो वर्षों में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। श्री धामी ने कहा कि उनके द्वारा चारधाम यात्रा पर पैनी नज़र रखी जा रही है तथा यात्रा के सफल संचालन हेतु सभी कार्य किये गये हैं और सुरक्षात्मक दृष्टि से भी गाइड लाइन जारी करने के साथ ही सभी आवश्यक व्यवस्थाऐं की गयी है।