
देहरादून– उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को देहरादून सचिवालय में हरिद्वार कॉरिडोर, ऋषिकेश मास्टर प्लान और शारदा कॉरिडोर पर महत्वपूर्ण बैठक की। उत्तराखण्ड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) ने इन प्रोजेक्ट्स पर विस्तृत प्रस्तुति दी। हरिद्वार की आध्यात्मिक महत्ता को सहेजते हुए इन योजनाओं को धरातल पर उतारने की रणनीति बनी।
हरिद्वार कॉरिडोर: आस्था और विकास का संगम
मुख्य सचिव ने हरिद्वार कॉरिडोर के तहत सभी प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “जिन प्रोजेक्ट्स को जल्द शुरू करना है, उन्हें प्राथमिकता दें।” हरिद्वार, जो देश-विदेश की आस्था का केंद्र है, वहां विकास में धार्मिक स्थलों और उनके मूल स्वरूप को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होगी. साथ ही घाटों पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी घाट के क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा जिसमें ब्रह्मा कुंड और महिला घाट आदि शामिल होंगे अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कहा साथ ही सती कुंड के पुनर्विकास में इसके ऐतिहासिक महत्व और थीम को बनाए रखने की हिदायत दी जाएगी उन्होंने मल्टीलेवल पार्किंग की योजना में नदी दर्शन में किसी अवरोध से बचने पर जोर दिया।
शारदा रिवरफ्रंट: ईको टूरिज्म और कनेक्टिविटी (Haridwar Corridor, Sharda Riverfront 2025)
शारदा रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के लिए भी प्राथमिकता तय की गई। मुख्य सचिव ने ईको टूरिज्म को वन भूमि में शामिल करने, हेलीपैड/हेलीपोर्ट के प्रावधान, और टूरिज्म सर्किट विकास पर ध्यान देने को कहा। यूआईआईडीबी को जिलाधिकारी चंपावत के प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स को शारदा कॉरिडोर में जोड़ने के निर्देश दिए। कार्यों को संबंधित विभागों द्वारा ही पूरा करने पर जोर दिया गया।
ऋषिकेश मास्टर प्लानःमोबिलिटी प्लान और पुनर्जीवीकरण
ऋषिकेश शहर विश्व में अपनी गलत पहचान रखता है जहां एडवेंचर टूरिज्म और योग के लिए देश विदेश से पर्यटक आते हैं साथ ही ऋषिकेश की गंगा घाट और आरती के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु गंगा दर्शन और ऋषिकेश की आरती में शामिल होने के लिए ऋषिकेश का रुख 12 महीने करते हैं ऋषिकेश मास्टर प्लान के तहत मोबिलिटी प्लान और पुराने रेलवे स्टेशन क्षेत्र के कार्यों को समग्र रूप से तैयार करने के निर्देश दिए। चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए हाईड्रोलॉजी सर्वे कराने की सलाह दी गई, ताकि ऋषिकेश का पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व बढ़े।
मुख्य सचिव के निर्देश: तेजी और समन्वय
त्वरित कार्यवाही: सभी प्रोजेक्ट्स की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुके कार्यों पर तुरंत शुरुआत।
हितधारक संवाद: योजनाओं से जुड़े पक्षों से निरंतर संवाद।
विभागीय समावेश: प्रोजेक्ट्स की प्रकृति के आधार पर संबंधित विभागों को शामिल करें।
समग्र प्लान: बजट, कार्यदायी संस्था, और रखरखाव का प्लान जल्द प्रस्तुत करे
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, डॉ. वी. षणमुगम एवं मुख्य वन संरक्षक पी.के. पात्रो सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।