नैनीताल का नंदा देवी महोत्सव
1902 से चली आ रही परंपरा आज भी बड़ी श्रद्धा और विधि विधान के साथ कायम है, बड़ी संख्या में पर्यटक लेते हैं इस मेले में हिस्सा शुरू हो गया है नैनीताल का प्रसिद्ध नंदा देवी महोत्सव
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
नैनीताल ,20 सितंबर
सरोवर नगरी नैनीताल का सबसे प्राचीन मेला या कहे महोत्सव नंदा देवी महोत्सव है। जिसकी शुरुवात नैनीताल में 1902 में हुई थी तब अब तक यह परंपरा बड़ी श्रद्धा के साथ निभाई जा रही है । इतिहास के पन्नों में झांके तो नैनीताल में 1902 में अल्मोड़ा से आए मोतीराम साह ने नंदा देवी महोत्सव की शुरुआत की थी, तब नयना देवी मंदिर वर्तमान बोट हाउस क्लब के समीप था। अब खबर विस्तार से…….
नैनीताल में नन्दा महोत्सव-2023 का रंगारंग आगाज हो गया है स्थानीय विधायक सरिता आर्या,कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत,डीआईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत व एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया।
इससे पहले छोलिया नर्तकों ने मंच पर पधार रहे सभी अतिथियों का मनमोहक नृत्य के साथ स्वागत किया।
नन्दा महोत्सव के इतिहास में पहली बार मंच पर महिलाओं द्वारा आकर्षक झोड़ा नृत्य की प्रस्तुति दी गई साँथ ही बच्चों द्वारा नन्दा चालीसा का भी गायन भी किया गया।
जैसा कि मेले के शुभारंभ से ही इसकी भव्यता का पता चलता है अपने 121वें वर्ष में प्रवेश कर चुका नन्दा महोत्सव न केवल कुमाऊं अंचल का सबसे बड़ा महोत्सव है बल्कि इसकी लोकप्रियता अब हर जगह देखने को मिलती है बड़ी संख्या में पर्यटक किस बात की सार्थकता को बढ़ाते हैं।
मेले का आरंभ ही पर्यावरण से जुड़ा है और मूर्ति निर्माण ही कदली वृक्ष से किया जाता है।