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सुप्रीमकोर्ट के आदेश को दर किनारे कर कारवाही

राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री कोश में ₹1 करोड़ दान देने वाले टाटवाले बाबा की कुटिया गौहरी रेज पार्क प्रशासन ने तोड़ी, सुप्रीम कोर्ट ने किया हुआ है वनवासी घोषित

रिपोर्ट _नीरज गोयल

ऋषिकेश,3 सितंबर , राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के अंतर्गत आने वाले गौहरी  रेंज के नीलकंठ मार्ग पर करीब 65 सालों से रहने वाले टाट बाबा की कुटिया को पार्क प्रशासन ने तोड़ दिया। जबकि टाट बाबा को सुप्रीम कोर्ट ने  वनवासी घोषित किया है। कई सालों से टाट वाले बाबा  अपनी कुटिया में ध्यान लगाकर लोगों की सेवा करते हैं। पूर्व में पार्क प्रशासन ने टाट वाले बाबा को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण भी ली थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बाबा को हटाने से पहले उन्हें विस्थापित किया जाए।

लेकिन रविवार के दिन आज अचानक पार्क प्रशासन की इस कार्रवाई से साधु संतों में आक्रोश है। साधु संतों का कहना है कि पार्क की भूमि पर कुनाऊ गांव में कई रिजॉर्ट बन गए। लेकिन पार्क प्रशासन उन्हें हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। आपको बता दे कि राम मंदिर निर्माण के लिए टाट वाले बाबा ने प्रधानमंत्री को एक करोड रुपए का चंदा दिया था। टाट वाले बाबा का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन भर की पूंजी राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी। अब उनके पास सर छुपाने के लिए भी कोई जगह नहीं है। कुटिया टूटने के बाद अब वह कहां जाएं।  गौरतलब है कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के भीतर अवैध निर्माण को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।

शंकर दास, टाटवाले बाबा गौहरी  रेंज के नीलकंठ मार्ग पर करीब 65 सालों से रहते है  गुफा में निवास करते हैं लेकिन वर्ष के सीजन में गुफा में लगातार पानी टपकता है जिससे बचने के लिए आगे टन शेड बनाया है , जिससे बारिश के दिनों में बचा जा सके आज टाट बाबा की कुटिया को पार्क प्रशासन ने तोड़ दिया। जबकि टाट बाबा को सुप्रीम कोर्ट ने  वनवासी घोषित किया है। कई सालों से टाट वाले बाबा  अपनी कुटिया में ध्यान लगाकर लोगों की सेवा करते हैं। पूर्व में पार्क प्रशासन ने टाट वाले बाबा को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण भी ली थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बाबा को हटाने से पहले उन्हें विस्थापित किया जाए। लेकिन रविवार के दिन आज अचानक पार्क प्रशासन की इस कार्रवाई से साधु संतों में आक्रोश है। साधु संतों का कहना है कि पार्क की भूमि पर कुनाऊ गांव में कई रिजॉर्ट बन गए। लेकिन पार्क प्रशासन उन्हें हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। आपको बता दे कि राम मंदिर निर्माण के लिए टाट वाले बाबा ने प्रधानमंत्री कोश में  एक करोड रुपए का चंदा दिया था। टाट वाले बाबा का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन भर की पूंजी राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी। वह वनवासी हैं और यहां रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं साथ ही तपस्या पर लीन है अब उनके पास सर छुपाने के लिए भी कोई जगह नहीं है। कुटिया टूटने के बाद अब वह कहां जाएं।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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