एक था गांव और पाताल ती ने जीता राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार
उत्तराखंड की दो फिल्मों ने 69 नेशनल फिल्म अवार्ड अपने नाम किया, नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में मिला दोनों फिल्मों को अवार्ड ऋषिकेश की सृष्टि और बिट्टू रावत ने किया नाम रोशन
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश, ऋषिकेश की बेटी सृष्टि लखेड़ा ने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की पहचान बनाई है, उत्तराखंड के जानेमाने रंगकर्मी श्रीश डोभाल ने जानकारी देते हुए बताया कि ये फिल्म पलायन पर बनी है जिसमें सृष्टि लाखेड़ा ने उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या पलायन को लेकर अपनी फिल्म “एक था गांव “ का निर्माण किया जिसे आज बेस्ट नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट फिल्म का पुरुस्कार मिला है, साथ उत्तराखंड की फिल्म “पताल_ ती ” को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी के लिए बिट्टू रावत को अवार्ड मिला है। दोनों फिल्में उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर प्रेजेंट कर रही है जो उत्तराखंड के सिनेमा के लिए एक नई शुरुआत है और इसमें युवा अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं,।
और ये दोनो फिल्मे आने वाले समय में यहां के न्यू कमर फिल्म मेकर के लिये एक प्रेरणा का काम करेगी, मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में उत्तराखंड भी अपनी पहचान राष्ट्रीय सिनेमा में बनाने लग जाएगा , जिसकी शुरुआत उत्तराखंड के युवा फिल्मकारो ने शुरू कर दी है।
मूल रूप से विकास खंड कीर्तिनगर के सेमला गांव की रहने वाली सृष्टि का परिवार ऋषिकेश में रहता है। वह पिछले 10 सालों से फिल्म लाइन के क्षेत्र में हैं। उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा को देखते हुए सृष्टि ने पावती शिवापालन के साथ (सह निर्माता) फिल्म बनाने का निर्णय लिया।
80 साल की लीला और 19 की गोलू पर बनी है फिल्म
लीला देवी अपनी बेटी के पास देहरादून चली जाती है। जबकि गोलू उच्च शिक्षा के लिए ऋषिकेश चली जाती है।जाती है। फिल्म के माध्यम से बताया गया कि अपनी जन्मभूमि को छोड़ने का कोई न कोई कारण होता है, लेकिन गांव छोड़ने के बाद भी लोगों के मन में गांव लौटने की कश्मकश चलती रहती है
पहाड़ दस्तक लाइव की टीम सृष्टि लखेडा और बिट्टू रावत को फिश महान उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देता है