रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून ,विधानसभा भर्ती घोटाले में बर्खास्त हुए कर्मचारी विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे पहली बार सामने आए हैं बर्खास्त कर्मचारी ,
विधानसभा बैक डोर एंट्री का मामला लगातार गर्माता जा रहा है , आज सुबह से ही विधानसभा से बर्खास्त हुए कर्मचारियों ने विधानसभा के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है प्रदर्शनकारी बर्खास्त कर्मचारियों का कहना है कि विधानसभा भर्ती पर दोहरा मापदंड क्यों अपनाये जा रहा है
विधानसभा में 2016 से 22 तक की तदर्थ नियुक्तियों के बाद बर्खास्त होने वाले 228 कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने उनके साथ भेदभाव और एकतरफा कार्रवाई को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की. वहीं इस दौरान विधानसभा से बर्खास्त सभी कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. कर्मचारियों की मांग है कि राज्य गठन के बाद से लेकर लगातार एक ही प्रक्रिया के तहत तदर्थ नियुक्तियां की जा रही हैं और साथ ही साथ उन्हें नियमित भी किया जा रहा है.2016 के बाद हुई तदर्थ नियुक्तियों पर विधानसभा अध्यक्ष का कार्रवाई करना कहीं ना कहीं पक्षपात दिखाता है. विधानसभा से बर्खास्त हुए इन कर्मचारियों का कहना है कि 2016 से पूर्व हुई तदर्थ नियुक्तियों को लेकर भी उसी तरह से फैसला होना चाहिए जिस तरह से उनके साथ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2016 से पहले हुई नियुक्तियों में कई नेताओं द्वारा लगाए गए लोगों को बचाया जा रहा है और यह अधूरा न्याय है.
जब अभी तक पूर्व की भर्तियों को जायज ठहराया गया है तो हमें ही क्यों नौकरी से हटाया गया है न्याय की मांग को लेकर बर्खास्त कर्मचारी विधानसभा के गेट पर धरने पर बैठे हुए हैं और लगातार स्पीकर पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा रहे हैं