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रवि की फसल की बुआई पूरी, अब फसल की चिंता

हर साल बाढ़ किसानों के खेतों में घुसकर मचाती है तबाही , किसानों ने फसल तो बोई अब कैसे होगी फसल की सुरक्षा टूटी है जगह-जगह सुरक्षा दीवार , सॉन्ग नदी की बाढ़ में बह गय था तटबंध , प्रशासन से ग्रामीणों की गुहार जल्द बनाएं तटबंध

 

 

रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल

ऋषिकेश, श्यामपुर न्याय पँचायत क्षेत्र के सोलह गाँवों में सर्वाधिक उपजाऊ ग्राम सभा खड़क माफ के खादर क्षेत्र में रबी की प्रमुख फसल गेंहूँ की बुआई का कार्य सम्पन्न होगया।उत्तराखंड हिमालय से मैदानों की ओर बढ़ते हुए यह गंगाजी का पहला उपजाऊ मैदान है जहाँ सिंचाई के लिए पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।यह कृषि भूमि क्षेत्र लगभग आठ सौ बीघा से अधिक भूमि में फैला हुआ है।जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य और स्थानीय कृषक पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने बताया कि प्रदूषण वृद्धि के कारण जलवायु परिवर्तन से साल दर साल फसल चक्र प्रभावित हो रहा है।खरीफ की प्रमुख धान कटाई के बाद हुई असामयिक वर्षा ने गेंहूँ बुआई को थोड़ा देरी से बोने में मजबूर किया।सामान्यतया तराई क्षेत्रों में गेंहूँ की फसल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवम्बर के द्वितीय सप्ताह तक बोने का समय रहता है लेकिन जहाँ गन्ने की फसल काटकर गेंहूँ बुआई की जाती है वहाँ दिसम्बर तक भी गेंहूँ बोया जा सकता है।जिस भूमि पर नमी की मात्रा कम हो वहाँ गेंहूँ को तीस चालीस मिनट तक भिगोकर बोने से भी गेंहूँ अच्छा अंकुरित होता है।गेहूँ को बुआई के समय कम तापमान की आवश्यकता होती है जबकि अप्रैल में फसल पकने के लिए तेज धूप की जरूरत पड़ती है।उर्वराशक्ति और पौष्टिकता के लिए जैविक और कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिए।रासायनिक खादों और रसायनों के प्रयोग से प्राण घातक बीमारियां जन्म लेती हैं।रसायनों के प्रयोग से भरसक बचना चाहिए।इनसे मृदा की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जाती है।जुगलान ने कहा कि गेहूं की फसल में वन्यजीव सर्वाधिक क्षतिग्रस्त करते हैं।खादर वन्यजीव प्रभावित क्षेत्र होने के कारण वन विभाग को वन्यजीवों से फसल सुरक्षा के उपाय शीघ्र करने की आवश्यकता है।गौरतलब है कि खदरी में बीते जून में लगाई गई सौर ऊर्जा बाड़ बीते जुलाई अगस्त में सौंगनदी में आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो चुकी है।फसल बुआई की समाप्ति के साथ ही खादर के किसान चिन्तित हैं।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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