उत्तराखंडदेहरादून

स्वामी राम मानवता पुरस्कार 2022

महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र, लेह लद्दाख’ को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2022 पुरस्कार के तौर पर पांच लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और गोल्ड मेडल प्रदान किया गया

 

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

जौलीग्रांट, एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम जी का 27वां महासमाधि दिवस समारोह भव्यता के साथ मनाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में अध्यात्म, स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा का गढ़ है।

रविवार को एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामीराम के 27वें महासमाधि दिवस पर आयोजित समारोह में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि ‘प्रेम, सेवा व स्मरण’ की मूल भावना के उद्देश्य से डॉ.स्वामी राम ने 1989 में हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) की स्थापना की। एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने एचआईएचटी के गौरवमयी इतिहास पर प्रकाश डाला साथ ही भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। डॉ.धस्माना ने कहा कि ट्रस्ट स्वामी जी के उद्देश्य के अनुसार ही जन सेवा के पथ पर अग्रसर है।

इस दौरान एचआईएचटी के वार्षिक कैलेंडर-2023 का विमोचन भी किया गया। समारोह के आखिर में प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके बाद दोपहर में आयोजित भंडारे में करीब छह हजार लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पहले स्वामी राम सेंटर में ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन डॉ.स्वामीराम को श्रद्धांजलि दी गई।

इस दौरान स्वामी राम साधक ग्राम के प्रमुख स्वामी ऋतुवान भारती, कुलाधिपति डॉ.मोहन स्वामी, विक्रम सिंह, डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.रेनू धस्माना, कुलसचिव डॉ.सुशीला शर्मा, डॉ.एसएल जेठानी, डॉ.अशोक देवराड़ी, डॉ.राजेंद्र डोभाल, डॉ.मुश्ताक अहमद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ज्योति द्विवेदी ने किया।

 

वर्ष 2003 से हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) देशभर में आर्थिक, पर्यावरण, विज्ञान संबंधी, सामाजिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली किसी एक प्रतिष्ठित संस्था अथवा व्यक्ति को स्वामी राम मानवता पुरस्कार प्रदान कर रहा है।
एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व एसआरएचयू जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि इस वर्ष स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2022 सामाजिक व अध्यात्मिक कार्यों को समर्पित संस्था ‘महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र, लेह लद्दाख’ संस्था को प्रदान किया गया है। पुरस्कार के तौर पर उन्हें पांच लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। 1986 में महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र की स्थापना भिक्खु संघसेना द्वारा की गई।
भिक्खु संघसेना का जन्म लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में हुआ था। 17 साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए। 1977 में सेना छोड़ प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान व आचार्य बुद्धरखिता महाथेरा, महाबोधि सोसाइटी विहार, बैंगलोर के मठाधीश के समर्पित शिष्य बन गए। एमआईएमसी का देवाचन परिसर 250 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। एमआईएमसी वंचित बच्चों को सुरक्षित आश्रय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बीमार, वृद्जनों और जरूरतमंदों के लिए स्वास्थ्य देखभाल मुहैया करवाता है। इसके अलावा महिलाओं और अन्य सामाजिक रूप से वंचित समूहों के लिए साक्षरता और सशक्तिकरण कार्यक्रम चला रहा है। एमआईएमसी दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू और भारत के अन्य शहरों में उच्च अध्ययन करने वाले सैकड़ों छात्रों का भी मदद करता है। इन मानवीय गतिविधियों के अलावा, एमआईएमसी दुनिया भर में सत्य और शांति के हजारों साधकों को लाभान्वित करने वाले विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रम भी आयोजित करता है। एमआईएमसी के आदर्शों के प्रति उनके समर्पण के सम्मान में, भिक्खू संघसेना को कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। जिसमें गांधी शांति फाउंडेशन से विश्व शांति पुरस्कार-2004, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री से राजीव गांधी पुरस्कार-2006, अश्वगोशा बौद्ध फाउंडेशन ने शाक्यमुनि बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार-2009, राष्ट्रपति की ओर से राष्ट्रपति प्रशस्ति पुरस्कार, सेव द वर्ल्ड फाउंडेशन थाईलैंड की ओर से वर्ल्ड पीस एंबेसडर अवार्ड-2014, इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड-2020 और योग के विकास और संवर्धन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार-2021 से सम्मानित हुए हैं।

 

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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