उत्तराखंड में अक्टूबर लाएगा मौसम के साथ राजनीति में बदलाव
दिल्ली में पकी खिचड़ी का स्वाद अब धीरे-धीरे उत्तराखंड भी पहुंचने लगा है, इंतजार है तो अक्टूबर के पहले हफ्ते का जिसमें कैबिनेट सहित दायित्व धारियों के नाम पर भी मुहर लग सकती है , बीएल संतोष पुष्कर सिंह धामी महेंद्र भट्ट और भगत दा के बीच पकी खिचड़ी जल्द बीजेपी कार्यकर्ताओं में बांटने जा रही है
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
दिल्ली/देहरादून, उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर बदलाव की बयार देखने को मिल सकती है , भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष से मुलाकात करके पुष्कर सिंह धामी महेंद्र भट्ट और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कैबिनेट विस्तार के लिए गढ़वाल और कुमाऊं के गणित हो फोकस में रखा है , सूत्रों की माने तो अक्टूबर पहले हफ्ते में ही कैबिनेट विस्तार के साथ साथ दायित्वधारियों के नाम पर भी मोहर लगानी शुरू हो जाएगी, कैबिनेट से बड़े चेहरों को किनारे करके नए चेहरों पर दांव खेला जा सकता है , जिसके रूपरेखा दिल्ली में तैयार होने लगी है ।
भाजपा के सूत्र और राजनीति पर नजर रखने वाले पंडितों के तत्व क्या कह रहे हैं…
मीडिया रिपोर्ट और देहरादून में भाजपा के सूत्रों में लगातार चिंतन मनन चल रहा है कि संभावनाएं क्या हो सकती है , मंत्रियों के खाली पद पर सूत्रों की मानें तो जिस प्रकार पिछले साल केंद्र में कैबिनेट विस्तार में अनेक बड़े चेहरों को बदल दिया गया था, वैसा ही कुछ नजारा उत्तराखंड में देखने को मिल सकता है। कई बड़े चेहरों की छुट्टी हो सकती है साथ ही तीन खाली पदों को भरा जाएगा। राज्य में कुल 12 मंत्री बन सकते हैं ब्राह्मण मंत्री सूत्रों के अनुसार कुमाऊं से जहां एक ब्राह्मण को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं गढ़वाल क्षेत्र से लगे मैदानी इलाके को प्रतिनिधित्व देने की भी संभावना है। ऐसे में हरिद्वार से मदन कौशिक मंत्री या प्रदीप बत्रा में से किसी क़ो मंत्री बनाया जा सकते हैं।
कैबिनेट में मिल सकती है हरिद्वार से एंट्री…
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी हरिद्वार सीट महत्वपूर्ण है। कुमाऊं से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल की दावेदारी सबसे मजबूत नजर आती है। पेशे से वकील नैनवाल लम्बे समय से संघ से भी जुड़े हैं। कुमाऊं में क़रीब 40 फ़ीसदी ब्राह्मण आबादी है। कुल दो ब्राह्मण विधायक हैं। दूसरे बंसीधर भगत हैं जो पूर्व मंत्री रह भी चुके हैं।
कुमाऊं का भी ब्राह्मण कार्ड …..
नैनवाल के लिए संघ की पैरवी! नैनवाल वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत के गांव मोहनरी के करीब भतरोंजखान के निवासी हैं। यह रानीखेत विधानसभा सीट है। नैनवाल ने वहाँ से रावत के साले और मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा को हराया। यह वहीं करण माहरा हैं जिन्होंने अब केंद्र में मंत्री अजय भट्ट को दो बार हराया था। खबर है कि नैनवाल की पैरवी संघ की तरफ से भी हुई है।
इसी प्रकार लालकुआं सीट पर मोहन सिंह बिष्ट ने हरीश रावत को भारी मतों से हराया था। यदि ठाकुर चेहरे को भी मंत्रिमंडल में लिया जाता है तो फिर बिष्ट को भी मौक़ा मिल सकता है। इन दोनों चेहरों को आगे बढ़ाकर पार्टी राज्य में कांग्रेस को भी सख्त संकेत दे सकती है।कुमाऊं में 80% ब्राह्मण-ठाकुर कुमाऊं क्षेत्र में ब्राह्मणों एवं ठाकुर मतदाताओं का प्रतिशत बहुत ज़्यादा है।
अक्टूबर में ही आगामी चुनाव को देखते हुए संगठन के स्तर पर कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के लिए दायित्व का प्रभार भी सौंपा जा सकता है जिसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है कई दौर की मीटिंग और रिपोर्ट्स का अध्ययन किया जा रहा है जिससे आने वाले सभी चुनाव में भाजपा अपने प्रदर्शन को उत्तराखंड में बरकरार रख सके ।