रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
उत्तरकाशी, पहाड़ों पर प्रकृति का रंग और उसके सम्मान की परंपरा सदियों से चली आ रही है , उत्तराखंड में प्रकृति के कई रंग देखने को मिलते हैं और इन्हीं रंगों में यहां के तीज त्यौहार हैं जो प्रकृति के करीब होते हैं या यूं कहें कि प्रकृति पूजा के रूप में जाने जाते हैं ऐसा ही एक त्यौहार है जो बुग्याल में मनाया जाता है जी हां हम बात कर रहे हैं दयारा बुग्याल के बटर फेस्टिवल का , उच्च हिमालयी क्षेत्र में समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में प्रसिद्ध अंढूड़ी उत्सव “बटर फेस्टिवल” धूमधाम से मनाया गया मेले का शुभारंभ गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने किया। प्रकृति की पूजा के साथ इस खास उत्सव में भाग लेकर मखमली घास में मक्खन व मट्ठे की होली खेली और इन लम्हों को स्मृतियों में कैद कर सदा के लिए यादगार बना दिया मेले का लुत्फ लेने विभिन्न स्थानों से दयारा पहुंचे पर्यटकों उत्साह देखने लायक था
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 42 किलोमीटर की सड़क दूरी और भटवाड़ी ब्लाक के रैथल गांव से 6 किलोमीटर की पैदल दूरी पर 28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में पीढिय़ों से भाद्रपद संक्रांति के दिन अंढूड़ी उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है।