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बड़ी कठिन है राजनीति राह शंभू की, एक के बाद एक मुसीबत पीछे पड़ी, पहले मंत्री जी का झटका, फिर आयुक्त विवाद और अब हाईकोर्ट को ज़बाब

 

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून, राजनीति को यूंही नहीं कांटों भरी डगर कहते है पल में माशा पल 3में शोला ये बात कितनी सटीक है इस की बानगी ऋषिकेश के मेयर शंभू पासवान है, यही कारण है कि नगर निगम ऋषिकेश में मेयर के चुनाव पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बना रहा, यहां चुनावी मुकाबला भाजपा के शंभू पासवान और निर्दलीय दिनेश चंद्र मास्टर के बीच था।

कड़े मुकाबले के बाद भाजपा प्रत्याशी शंभू पासवान जीत तो गए थे लेकिन ऋषिकेश में एक नई चिंगारी पहाड़ वर्सेस मैदान की बढ़ते बढ़ते आग का रूप बन गई, फिर इस आग में घी का काम निगम का अंदरूनी झगड़ा कर गया ऐसे में मेयर शंभू पासवान के लिए एक मुसीबत के बाद दूसरी मुसीबत सामने आ गई, जिस से निपटने के लिए शंभू फिर से सुर्खियों में ला दिया।

हम जिन साक्ष्यों के साथ हाईकोर्ट में गए थे, उनकोहमने कमेटी के सामने रख दिया है। कुछ और दस्तावेज पेश किए जाने के लिए कमेटी ने हमेंशुक्रवार तक का समय दिया है। जिस आधार परहम जाति प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठा रहे हैं,उसके साक्षय को देखकर ही कमेटी को निर्णय लेना__ दिनेश चंद्र मास्टर

क्या है पूरा मामला डालते है एक नजर….

नगर निगम में जीत के बाद भी अभी शंभु पासवान के ऊपर से संकट नहीं टला है। दिनेश चंद्र मास्टर की ओर से हाईकोर्ट में उनके जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी गई है। जिस पर कोर्ट ने डीएम देहरादून को जाति प्रमाण पत्र जांच करने को कहा है और इसके लिए डीएम ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया, ऋषिकेश के मेयर शंभू पासवान के जाति प्रमाणपत्र मामले की जांच लिए बुधवार को दून में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई , कमेटी के सामने शंभू पासवान के साथ ही शिकायत कर्ता दिनेश चंद्र पेश हुए और दोनों ने अपनी- अपने साक्ष्य रखे , शिकायतकर्ता दिनेश चंद ने कुछ और कागजात प्रस्तुत करने के लिए कमेटी से समय मांगा और इसके लिए उन्हें प्रशासन ने शुक्रवार 11 बजे तक का समय दिया है, हाईकोर्ट ने दिनेश चंद्र की याचिका पर जिलाधिकारी देहरादून को मेंयर शंभू पासवान के जाति प्रमाण पत्र की जांच के आदेश दिए थे जिस पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने जांच शुरू करते हुए, स्क्रीनिंग कमेटी को प्रमाणपत्र जांच को जिम्मेदारी , स्क्रीनिंग कमेटी में उप जिलाधिकारी ऋषिकेश, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिलाकार्यक्रम अधिकारी, सहायक विकास अधिकारीपंचायत और जिला प्रोबेशन अधिकारी को शामिल किया गया है

कमेटी के सामने हमने अपना पक्ष रखा है, मैं पुरानी टिहरी में रहा हूं और वहां का विस्थापित हूं,, कोई भी ऐसे ही पेपर नहीं बन सकता उत्तराखंड में , हमारे जो पेपर है वह 30 साल पहले उत्तरप्रदेश के समय के हैं। उस वक्त किसी को नहीं पता था कि अलग राज्य उत्तराखंड या उत्तरांचल बनेगा

_ शंभू पासवान, मेयर ऋषिकेश

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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